लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने पूर्व की सरकारों में नौकरियों की चयन प्रक्रिया में फैले भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा बयान दिया. सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले इसी प्रदेश में जब भी कहीं भर्ती निकलती थी तो कुछ गैंग ऐसे थे जो वसूली के लिए निकल पड़ते थे. कुछ खानदान और कुछ परिवार ऐसे थे, जिनके लिए भर्तियों में वसूली, आजीविका का जरिया हो गया था. कोई भर्ती निकलती थी तो यह लोग झोला लेकर निकल पड़ते थे वसूली के लिए. लेकिन अब इन्हें मालूम हैं कि यह झोला लेकर निकलेंगे तो हमारी एजेंसियां सतर्क हैं और इनके लिए हमने जेलें भी खाली करवा रखी हैं.

सीएम ने कहा कि इन चार वर्षों में इन लोगों की अवैध कमाई बंद हो गई है तो अब यह लोग युवाओं को गुमराह करने में लग गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती की शुचिता को कलंकित करने वालों के खिलाफ कठोरता पूर्वक कार्रवाई की गई और उसके परिणाम सामने हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही हम एक और परीक्षा कराने जा रहे हैं, जिसमें आवेदकों की संख्या 30 लाख है. देश की सबसे बड़ी परीक्षा होने जा रही है और विश्वास रखें कोई तिनका नहीं हिलेगा.

बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से हुए अवस्थापना विकास, प्रेरणा कार्यक्रम से हुए शैक्षिक गुणवत्ता सुधार आदि का जिक्र करते हुए सीएम ने पूर्ववर्ती सरकारों को शिक्षा की उपेक्षा करने पर तंज भी कसा. सीएम ने कहा कि आज जब उत्तर प्रदेश के बेसिक विद्यालयों की परफॉर्मेंस ग्रेडिंग के राष्ट्रीय मानकों पर श्रेष्ठतम होती जा रही है तो कुछ लोगों को यह सुहा नहीं रहा. कहने को तो 2017 से पहले 1,35000 परिषदीय विद्यालय थे, लेकिन हालत दयनीय थी। स्कूल थे तो शिक्षक नहीं, शिक्षक थे तो छात्र नहीं, छात्र थे तो पढ़ाई का नाम नहीं.

ट्रांसफर-पोस्टिंग के धंधे पर लगा ब्रेक

पूरा विभाग ट्रांसफर-पोस्टिंग की अनियमितता में ग्रस्त था. लेकिन सरकार ने दशा सुधार का संकल्प लिया और तब जिन स्कूलों के भवनों पर पीपल और बरगद के पेड़ उगा करते थे आज वहां अक्षर के फूल खिल रहे हैं. बच्चों को दो यूनिफॉर्म मिल रहे हैं, बैग, स्वेटर, पाठ्य सामग्री सब मिल रहा है. गरीब का बच्चा भी अब जूता-मोजा पहन के स्कूल जा रहा है. सीएम योगी ने कहा कि बेहतर हुई इन स्थितियों से परेशान विपक्ष जानता है कि अगर गरीब का बच्चा पढ़-लिख लेगा तो इनकी जातिवादी-वंशवादी राजनीति बंद हो जाएगी। यह लोग इसी से दुःखी है.

बेसिक शिक्षा का बजट 53 हजार करोड़
नवनियुक्त 6,696 सहायक अध्यापकों को बधाई देते हुए सीएम ने कहा कि हर शिक्षक अपने ग्राम के एक-एक घर की जानकारी रखें. किसका बच्चा स्कूल आ रहा है, किसका नहीं, यह जानें, उनका मार्गदर्शन करें. उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा का बजट 53 हजार करोड़ प्रतिवर्ष का है. इसका लाभ जनता को मिलना चाहिए, ताकि हमारे स्कूल किसी पब्लिक या कांवेन्ट स्कूल की बराबरी कर सकें.


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