नई दिल्ली। केरल (Kerala) में 21 जुलाई को बकरीद त्योहार (Bakrid) पर दी गई कोविड-19 संबंधी पाबंदियों(लॉकडाउन) में ढील देने के सरकार के फैसले सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है। ईद-उल-अजहा (बकरीद) से पहले प्रतिबंधों में ढील देने के केरल सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है।
इस मामले पर आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ईद-उल-अजहा (बकरीद) से पहले कोरोना प्रतिबंधों(लॉकडाउन) में ढील देने के अपने फैसले के खिलाफ याचिका पर केरल सरकार से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट कल इस मामले की सुनवाई करेगा।
बता दें कि केरल में लॉकडाउन में ये छूट ऐसे समय में दी जा रही है जब राज्य में कोरोना के मामलों और पॉजिटिविटी रेट में वृद्धि देखी जा रही है। रविवार को विपक्षी दल कांग्रेस और भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने केरल सरकार की आलोचना की थी और सरकार के फैसले को कानूनी चुनौती देने की चेतावनी दी थी।
आईएमए ने एक बयान में कहा ”आईएमए को यह देखकर दुख हुआ है कि मामलों में वृद्धि के बीच, केरल सरकार ने बकरीद के धार्मिक समारोहों के बहाने राज्य में लॉकडाउन में ढील देने के लिए एक आदेश जारी किया है, यह चिकित्सा आपातकाल (Mrdical Imergency) के इस समय गैर-जरूरी और अनुचित है।’
वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया कि अगर कांवड़ यात्रा गलत है, तो बकरीद पर पाबंदियों में ढील देना भी गलत है। खासकर ऐसे राज्य में जो फिलहाल कोविड-19 के केन्द्रों में शुमार है।
उन्होंने ट्वीट किया, “केरल सरकार द्वारा बकरीद समारोह के लिए 3 दिनों की छूट प्रदान करना निंदनीय है क्योंकि राज्य फिलहाल कोविड-19 के केन्द्रों में से एक है। अगर कांवड़ यात्रा गलत है, तो बकरी पर सार्वजनिक समारोह की छूट देना भी गलत है।” वहीं, आईएमए ने रविवार को केरल सरकार से इस फैसले को वापस लेने का अनुरोध करते हुए इसे चिकित्सा आपातकाल के समय ‘गैरजरूरी और अनुचित’ बताया।
बता दें कि केरल में कोरोना के 16,148 नए मामले दर्ज किए गए हैं, इसके साथ ही 114 लोगों की मौत हुई थी। यहां कोविड पॉजिटिविटी रेट 10.76 फीसदी पर है।