फिरोजाबाद। इसे फिरोजाबाद की जनता का दुर्भाग्य कहेंगे कि जिस जनप्रतिनिधि को उन्होंने फिरोजाबाद नगर निगम की मेयर के रूप में चुना वही उनका का फोन नहीं उठाती।शहर के लोगों का कहना है कि जनता मेयर नूतन राठौर को अपनी समस्या बताने के लिए फोन करें तो भी मेयर साहिबा फोन नहीं उठाती। वह लोगों से बात नहीं करती है।मेयर उन्हीं के फोन उठाते हैं,जो उनकी फोन लिस्ट में है।उन्हें नगर के आमजन से कोई लेना देना नहीं।वह जनप्रतिनिधि होने का कर्तव्य नहीं निभा पा रहीं हैं। अपनी जवाबदेही से बच रही है। उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। वह एक्सीडेंटल मेयर बनी है।

यह जानने के लिए कि महापौर का फोन उठता है या नहीं।समय भास्कर के संवाददाता ने उन्हें गुरुवार दोपहर को लगातार तीन बार फोन किया लेकिन मेयर ने फोन नहीं उठाया इससे साफ स्पष्ट है कि मेयर आमजन के फोन को रिसीव नहीं करती हैं।वह इस टेस्ट में फेल हो गई।सुहागनगरी वासियों में मेयर के इस रवैये से खासा रोष है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 2022 का इलेक्शन नजदीक है। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में दोबारा से सत्ता में वापसी करने की पुरजोर कोशिश कर रही है लेकिन फिरोजाबाद की मेयर साहिबा नूतन राठौर एक जन प्रतिनिधि होने के नाते आम जनता से अक्सर डिस्कनेक्ट ही रही है। उन्हें जनता से कोई लेना देना नहीं। वह शहर के लोगों से रूबरू नहीं होती। शहर के लोगों की समस्या और शिकायती पत्रों के निराकरण पर भी उनका कोई ध्यान नहीं है। केवल उद्घाटन करना,नगर निगम में करोड़ों रुपए से हो रहे निर्माण कार्यों में चल रही धांधली पर मौन साधना आदि उनकी कार्यशैली का हिस्सा बन चुका है।आगामी उत्तर प्रदेश चुनाव में महापौर की ऐसी कार्यशैली से जनपद में भाजपा के वोट बैंक में सेंध लग सकता है।


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