फिरोजाबाद। प्राइवेट आईटीआई एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया है। जिसमें वैश्विक महामारी को दृष्टिगत रखकर छात्रहित में आईटीआई के सत्र 2019-21 व 2020-22 के प्रथम वर्ष के प्रशिक्षार्थियों व पुराने सत्र के सभी छात्रों को प्रमोट किये जाने की मांग की है।
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि मार्च 2020 से अब तक कोरोना संक्रमण के कारण देश जूझ रहा है। कोरोना काल में प्रशिक्षार्थियों का प्रशिक्षण पूर्ण नहीं हो पाया है। जिस प्रकार कोरोना संक्रमण की द्वितीय लहर के चलते देश में सीबीएसई, आईसीएसई व अन्य कई स्टेट बोर्ड में हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट को बोर्ड परीक्षा को निरस्त कर प्रमोट करने का फैसला किया है। उसी प्रकार से कक्षा आठवी व 10वी के वेस पर आधारित आईटीआई के सत्र 2019-21 व 2020-22 के प्रथम वर्ष के छात्रों ाके भी प्रमोट किया जाएं। इसके अतिरिक्त सभी यूनिवर्सिटी व अन्य बोर्ड में छात्र-छात्राओ को प्रमोट कर दिया है। साथ ही पत्र में कहा कि पिछले साल नवंबर 2020 में डीजीटी द्वारा आनन-फानन में बिना किसी निर्धारित परीक्षा कार्यक्रम में आॅनलाइन परीक्षा कराई गई। डीजीटी ने आॅनलाइन परीक्षा में निर्धारित फीस से कई गुना अधिक फीस ली गई। आॅनलाइन परीक्षा दिसंबर 2020 से मार्च 2021 तक चली जो असफल हुई। पुराने 2014 से 2017 के फेल छात्र जिनकी परीक्षा होनी थी, ले परीक्षा पिछले 15 माह से लंबित है। भूतपूर्व छात्रों की परीक्षा न कराकर उन्हें भी जनहित में प्रमोट किया। परीक्षाये न होने के कारण लाखों छात्रों का भविष्य अंधकार में है। उन्होंने कहा कि विगत कई सालों से देखा जा रहा है कि निजी आईटीआई परीक्षा में इंजी ड्राइग व प्रेक्टीकल के नंबर नहीं चढाये जाते है। जिसमें छात्रों का परीक्षाफल शून्य प्रदर्शित होता है। जिसे सुधार कराने के नाम पर आईटीआई प्रबंधकों का शोषण होता है। इस प्रकरण पर उचित जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की जाएं। पत्र के माध्यम से प्रदेश संयोजक अजीत यादव, जिलाध्यक्ष निर्मल कुलश्रेष्ठ, सचिव दयाशंकर ने मांग की।


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