फिरोजाबाद। अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम विरोध दिवस के अवसर पर श्रमिक यूनियन एवं छोटे-छोटे बच्चों के साथ बाल श्रम के विरुद्ध गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चों ने सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए मास्क लगाकर लोगों को बाल श्रम के विरुद्ध समझाने का प्रयास किया। संस्था द्वारा श्रम की स्थिति पर कार्यशाला का आयोजन चिराग सोसाइटी कार्यालय पर किया गया।
कार्यशाला का शुभारंभ मुख्तार आलम ने चाइल्ड लाइन कार्यक्रम 1098 के बारे में विस्तार से बताते हुए किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जफर आलम ने कहा अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम विरोध दिवस की शुरुआत सन 2002 में हुई। इसका मुख्य उद्देश्य बाल श्रम में लिप्त बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना था। लेकिन आज 19 वर्ष बीत जाने के बाद भी जिस तरह से हम सब को जागरूक होना चाहिए था वह नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा बाल श्रम कानूनन अपराध है। बच्चा बाल श्रम की बेड़ियों में जकड़ कर अपने जीवन को नष्ट कर रहा है। उन्होंने कहा कि बाल श्रम के नाम पर हमारे देश को नोबेल पुरस्कार मिला यह खुशी की बात है। लेकिन अफसोस यह है कि आज भी हमारे यहां बाल श्रमिक मौजूद हैं। मजदूर यूनियन संघ के नेता रामदास मानव ने कहा कि बाल श्रम होने का एक मुख्य कारण यह भी है कि आज मजदूरों की आय बहुत कम है। क्योंकि हर परिवार वाला अभिभावक अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाना चाहता है। लेकिन आय का स्रोत न होने के कारण वे स्वयं ही अपने बच्चों को बाल श्रम के अंधेरे गड्ढे में धकेल देता है। इस अवसर पर पार्षद प्रतिनिधि विनोद कुमार राठौर, मुकेश सदस्य मजदूर नेता कार्यकारिणी, मजदूर संघ हातिम सिंह, मोहम्मद परवेज, दिलीप कुमार शर्मा आदि उपस्थित रहे।


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