यूपी के फिरोजाबाद में 12 अप्रैल को हुई एक हत्या का पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस ने दो हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. खडीत गांव में एक हत्यारोपी मृतक की पुत्री से एकतरफा प्रेम करता था और उससे शादी करना चाहता था. लेकिन मृतक ने अपनी बेटी की शादी कहीं दूसरी जगह तय कर दी थी.

फिरोजाबादः जिले के जसराना थाना क्षेत्र में 12 अप्रैल को हुई एक हत्या का पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस ने दो हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. पुलिसिया पूछताछ में जो कहानी निकलकर सामने आयी है, उसके मुताबिक एक हत्यारोपी मृतक की पुत्री से एकतरफा प्रेम करता था और उससे शादी करना चाहता था. लेकिन मृतक ने अपनी बेटी की शादी कहीं दूसरी जगह तय कर दी थी. जिससे नाराज होकर आरोपी ने हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया था।

12 अप्रैल को खडीत गांव में हुई थी हत्या
बता दें कि जसराना थाना क्षेत्र के खडीत गांव में 12 अप्रैल को एक ग्रामीण की धरदार हथियार से उस समय हत्या कर दी गयी थीस जब वह घर के बाहर सो रहा था. पुलिस ने इस मामले में जांच पड़ताल की तो कुछ नाम प्रकाश में आये. पुलिस ने ऐसे लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि यादराम की हत्या खडीत गांव निवासी संजू पुत्र राजेन्द्र सिंह और सिरसागंज के धातरी गांव निवासी सौरभ पुत्र गजेंद्र सिंह ने की है।

बेटी की शादी तय करने पर आरोपियों ने पिता को उतारा मौत के घाट
पुलिस ने जब इन दोनों को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो अभियुक्तों ने बताया कि सौरभ यादराम की बेटी पर फिदा था और उसके साथ शादी भी करना चाहता था. लेकिन यादराम ने उसका रिश्ता कासगंज जिले में किसी के साथ तय कर दिया था. चूंकि सौरभ और संजू दोस्त थे लिहाजा तय प्लान के मुताबिक दोंनों यादराम की रात को सोते समय चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी और छूरा को थोड़ी दूर झाड़ियों में छिपा दिया था. पुलिस ने छूरा भी पुलिस ने बरामद कर लिया है।

दुश्मन का दुश्मन बना दोस्त
गिरफ्तार अभियुक्त सौरभ सिरसागंज थाना क्षेत्र के धातरी गांव का रहने वाला है, लेकिन वह अपने मौसा सोरन सिंह के घर जीशकपुर मे रहता है. इसी दौरान सौरभ की दोस्ती खडीत गांव निवासी संजू से हो गयी. संजू की यादराम से चुनावी रंजिश चल रही थी, लिहाजा यादराम की हत्या की योजना बनाने में दोनों देर न लगी और उन्होंने इस खौफनाक वारदात को अंजाम दे दिया. योजनाबद्ध तरीके से एक ने यादराम के पैर पकड़े तो दूसरे ने गले पर छूरी से वार किया और यादराम को मौत के घाट उतार दिया।


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