लखनऊ। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर नियंत्रित करने और तीसरी लहर से निपटने की तैयारी के साथ उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जल्द से जल्द जनता को टीके का सुरक्षा कवच दे देना चाहती है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीकाकरण को और तेज करते हुए तीन माह यानी जून, जुलाई और अगस्त में दस करोड़ टीके लगाने का निर्देश दिया है। उन्होने कहा है कि कुछ जिलों को चिन्हित कर वहां अभियान चलाकर सौ फीसद टीकाकरण कराया जाए।
कोरोना संक्रमण से बचाव और इलाज की समीक्षा करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथने कहा कि प्रदेश में दो करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी हैं। 18 से 44 वर्ष तक के आयु वर्ग में भी 30 लाख से अधिक युवाओं को टीका लगाया जा चुका है। प्रदेश की बड़ी जनसंख्या को देखते हुए वैक्सीनेशन को और बड़े पैमाने पर तेजी के साथ करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जून, जुलाई व अगस्त में 10 करोड़ प्रदेशवासियों के टीकाकरण का लक्ष्य रखकर काम किया जाए। जरूरत होने पर दो पालियों में टीके लगाने का काम कराया जाए।
वैक्सीन की सप्लाई चेन को रखें मजबूत : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वैक्सीन की सप्लाई चेन को मजबूत रखें। वैक्सीन लगाने वालों को प्रशिक्षित कराया जाए। इस काम के लिए नर्सिंग के द्वितीय, तृतीय और अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों व पैरामेडिकल के द्वितीय व तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों का प्रशिक्षण कराएं। प्रशिक्षण के दौरान यह भी बताया जाए कि वैक्सीन का वैस्टेज कम से कम हो।
चिकित्सा सुविधाओं के लिए पांच जोन में बांटा प्रदेश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बताया गया कि सामुदायिक, प्राथमिक, उप स्वास्थ्य केंद्रों, हेल्थ व वेलनेस सेंटर को मजबूत करने की नियमित समीक्षा की जा रही है। इसके लिए पूरे प्रदेश को पांच जोन में बांटा गया है। जिला स्तर पर निगरानी की व्यवस्था भी की गई है। कोविड बेड लगातार बढ़ाए जा रहे हैं। पीडियाट्रिक आइसीयू और नियोनेटल आइसीयू की स्थापना तेजी से कराई जा रही है।
भ्रमण के दौरान किसी भी ओपीडी में जाएं चिकित्सा अधिकारी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि सीएमओ, एसीएमओ और डिप्टी सीएमओ भी ओपीडी में मरीजों को देखें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने भ्रमण कार्यक्रम के दौरान किसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की ओपीडी में एक-दो घंटे मरीजों को देखें। इससे स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाएं और बेहतर होंगी। अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर उपस्थित सभी डाक्टर, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ एप्रेन पहनें और नेम प्लेट जरूर लगाएं।