लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते अपने माता पिता या दोनों में से किसी एक को खोने वाले बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी अब सरकार उठाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बुधवार को उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना पर मुहर लगा दी गई है. इसे लागू करने की जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपी गई है. इसके तहत मार्च 2020 से अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खोने वाले बच्चों को लाभ मिलेगा. इस योजना के तहत अनाथ हुए बच्चों के भरण,पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा गया है. महिला कल्याण निदेशक मनोज कुमार राय का कहना है कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से जिन बच्चों को लाभान्वित किया जाना है, उनकी श्रेणी तय कर दी गयी है. योजना में शून्य से 18 साल के ऐसे बच्चे शामिल किए जायेंगे, जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोविड काल में हो गई हो।

यह साक्ष्य करने होंगे प्रस्तुत
मनोज कुमार राय का कहना है कि कोविड से मृत्यु के साक्ष्य के लिए एंटीजन या आरटीपीसीआर की पाजिटिव टेस्ट रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट या सीटी स्कैन में कोविड-19 का इन्फेक्शन होना माना जा सकता है. इसके अलावा कोविड मरीज की विभिन्न परिस्थितियों में टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी पोस्ट कोविड जटिलताओं के चलते मृत्यु हो गई हो. यह मृत्यु भी कोविड की वजह से ही मानी जाएगी.


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