नोएडा: कोरोना महामारी से जहां पूरा देश परेशान है वहीं इस महामारी के दौरान ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह भी सक्रिय हो गए हैं. ये गिरोह ठगी के नए-नए हथकंडे अपनाकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. एबीपी गंगा ने इस बात की पड़ताल की है कि ये गैंग कैसे लोगों को अपना शिकार बनाता है और पिछले लॉकडाउन के मुकाबले इस लॉकडाउन में गिरोह कितना सक्रिय है।

पड़ताल में सामने आई ये बात
ऑनलाइन ठगी की पड़ताल के लिए एबीपी गंगा की टीम सबसे पहले साइबर थाने पहुंची जहां पर मेरठ मंडल में होने वाले साइबर अपराध पर नजर रखी जाती है. हमारी टीम ने इस थाने की प्रभारी रीता यादव से बात की और ये जाना कि किस तरह के मामले इस वक्त सबसे ज्यादा आ रहे हैं. रीता यादव ने बताया कि इस वक्त सबसे ज्यादा बैंकों से लोन दिलाने, ऑनलाइन सामान मंगवाने, ओएलएक्स के नाम पर और बड़ी-बड़ी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों के नाम पर ठगी की जा रही है।

लोन दिलाने के नाम पर होती हे सबसे ज्यादा ठगी
हालांकि, बातचीत में रीता यादव ने भी बताया कि बैंकों से लोन दिलाने के नाम पर इस वक्त सबसे ज्यादा ठगी की जा रही है. क्योंकि लॉकडाउन के दौरान लोगों का कारोबार बंद है. ऐसे में अपने कारोबार को फिर से पटरी पर लाने के लिए लोग बैंक लोन के लिए ऑनलाइन सर्च करते हैं. ऐसे लोगों पर इन ठगों की नजर रहती है और ये लोग ऐसे लोगों का डाटा निकालकर उन्हें कॉल करते हैं. बैंक से लोन दिलाने के नाम पर उनसे ठगी कर लेते हैं और जब इन्हें फोन मिलाया जाता है तो इनका फोन या तो स्विच ऑफ होता है या फिर वो नेटवर्क एरिया में नहीं रहता।

सावधान रहने की जरूरत है
साइबर थाने की प्रभारी रीता यादव ने बताया कि इसके अलावा बड़ी-बड़ी कंपनियों के नाम पर, ऑनलाइन शॉपिंग करने के नाम पर भी कुछ गिरोह लोगों से ठगी कर रहे हैं और. ठग बड़ी-बड़ी कंपनियों के नाम से मिलती जुलती साइट बनाकर ठगी को अंजाम देते हैं. उन्होंने बताया कि ऐसे कई तरीके हैं जिनके जरिए ये ठग लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. बैंक के नाम पर ओटीपी मांगने का हथकंडा काफी पुराना हो गया है लेकिन अभी भी इसके तहत भारी तादाद में कुछ गैंग लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं. इसलिए, ऐसे ठगों से बचने के लिए लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।

इस लॉकडाउन में कम हैं ठगी के मामले
एबीपी गंगा की टीम ने साइबर थाना प्रभारी रीता यादव से ये जानने की कोशिश भी की थी आखिरकार इन ठगों से कैसे बचा जाए और पिछले साल जब लॉकडाउन लगा था उस वक्त ऑनलाइन ठगी का ग्राफ बढ़ा था या इस बार लॉकडाउन में लोग ज्यादा ठगी के शिकार हुए हैं. इस बारे में रीता यादव ने बताया कि 2020 में जब लॉकडाउन लगा था तो ऑनलाइन ठगी की बाढ़ सी आ गई थी लेकिन इस बार कुछ लोग जागरूक हुए हैं और ठगी का आंकड़ा थोड़ा कम हुआ है. लेकिन, अभी भी भारी संख्या में लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार हो रहे हैं।

ना करें ये काम
रीता यादव ने बताया कि ऐसे ठगों से बचने के लिए आपको सोशल मीडिया पर सावधानी बरतनी होगी. फेसबुक या अन्य किसी साइट पर आपको कई लिंक दिखाई देते हैं जिसमें शॉपिंग में भारी छूट देने की बात लिखी होती है ऐसी साइट को क्लिक करने से बचें. साथ ही जिस बड़ी कंपनी की साइट से खरीददारी कर रहे हैं उसके पूरे लिंक को टाइप करें ताकि आप सही कंपनी में ऑनलाइन ऑर्डर बुक करा सकें. कुछ गिरोह ऐसे हैं जो बड़ी कंपनियों से मिलते जुलते नाम की साइट बनाकर लोगों से ठगी करते हैं. ठगों से बचने के लिए कभी भी ना तो किसी को अपना ओटीपी दें और ना ही लोन के नाम पर कोई फाइल चार्ज या वेरिफिकेशन फीस के नाम पर पैसा ट्रांसफर करें।

काम कर रही है पुलिस
एबीपी गंगा से खास बातचीत में साइबर थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि पिछले वर्ष 10 से 12 केस प्रतिदिन उनके पास आते थे लेकिन इस बार लोग कुछ जागरूक हुए हैं. लिहाजा ऑनलाइन ठगी में थोड़ी कमी जरूर आई है. आज भी चार से पांच केस उनके पास प्रतिदिन आ रहे हैं. उनकी टीम लगातार इस पर काम कर रही है. महामारी के दौरान कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. साइबर थाना पुलिस ऐसे गिरोह की धरपकड़ के लिए काम कर रही है।


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