केंद्र सरकार ने कोरोनाकाल में अपने 38 लाख सीजीएचएस लाभार्थियों को बड़ी राहत प्रदान की है। अनेक कर्मी बतौर फ्रंटलाइन वर्कर काम कर रहे हैं, ऐसे में कर्मियों और उनके परिजनों को इलाज में कोई दिक्कत न आए, इसके लिए खास प्रावधान किए गए हैं। कर्मियों को कोई ऐसा टेस्ट कराना है या दवा खरीदनी है जो सीजीएचएस के दायरे से बाहर है तो उसके लिए कर्मियों को सीजीएचएस मुख्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। मात्र एक ईमेल से तुरंत उसकी मंजूरी मिल जाएगी। अगर किसी कर्मी या उसके परिजनों को कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई पड़ते हैं और उन्हें आरटी-पीसीआर/आरएटी कराने के लिए किसी दूसरी जगह पर रेफर होने की आवश्यकता है तो यह कार्य ईमेल के जरिए हो जाएगा। इसके लिए उन्हें सीजीएचएस स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं आना पड़ेगा। रीइंबर्समेंट (अदायगी) के नियम बदले गए हैं।
केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के द्वारा स्वास्थ्य मंत्रालय से आग्रह किया गया था कि कोरोनाकाल में कर्मियों को अपने इलाज के दौरान कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके बाद सीजीएचएस ने सभी लाभार्थियों को कई मामलों में राहत प्रदान की है। यदि कोई लाभार्थी होम केयर ट्रीटमेंट पर है और उसे कई तरह के मेडिकल टेस्ट कराने हैं तो उसके लिए सीजीएचएस मुख्यालय आना जरूरी नहीं होगा। नए प्रावधानों के मुताबिक, होमकेयर ट्रीटमेंट के अंतर्गत कोई लाभार्थी कोरोना संक्रमित है, या इसके प्रारंभिक लक्षण हैं और वह मेडिकल टेस्ट कराना चाहता है तो उसे ईमेल के लिए संबंधित सेंटर पर टेस्ट कराने की मंजूरी प्रदान की जाएगी। उसे आरटी-पीसीआर/आरएटी टेस्ट कराने के लिए सीजीएचएस सेंटर के सीएमओ या इंचार्ज को मेल भेजनी है। उसी दिन मेल पर ही रेफर करने का आदेश आ जाएगा। संबंधित एचसीओ व सीजीएचएस की सूची में शामिल स्वास्थ्य केंद्र, जहां पर टेस्ट होगा, उसका नाम भी मेल पर लिखा रहेगा।
सीजीएचएस लाभार्थियों को क्रेडिट आधार पर टेस्ट कराने की सुविधा मिलेगी। इसके अतिरिक्त यदि कोई कर्मचारी यह टेस्ट कराते हैं तो उन्हें पैसा देना होगा। इसके लिए वे अपने विभाग में रीइंबर्समेंट फार्म जमा करा सकते हैं। साथ ही सीजीएचएस लाभार्थियों को यह विकल्प भी दिया गया है कि वे केंद्र सरकार या किसी राज्य के कोविड सेंटर पर जाकर आरटी-पीसीआर/आरएटी करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें रेफर स्लिप तैयार कराने या एडवाइस पर्चे की जरूरत नहीं होगी। ऐसे सीजीएचएस लाभार्थी जो कोविड पॉजिटिव हैं और उन्हें होम क्वारंटीन की सलाह दी गई है। ऐसे लाभार्थी अपने घर से ही टेलीमेडिसन सर्विस का इस्तेमाल कर सकते हैं। वे सरकारी डॉक्टर से संपर्क करने के लिए ई-संजीवनी पोर्टल पर आग्रह भेज सकेंगे। इस माध्यम से कर्मी किसी दूसरे राज्य के डॉक्टरों की सेवा भी ले सकते हैं।
अगर कोई ऐसा कर्मचारी है, जिसे सीआरपी, डी-डियर, आईएल 6 और कोई दूसरा रुटीन टेस्ट जैसे एचआरटीसी आदि कराना है तो उसे सीजीएचएस रेट पर वह टेस्ट कराने के लिए इजाजत लेने की आवश्यकता नहीं है। यदि कहीं पर सीजीएचएस के रेट का प्रावधान ही नहीं है तो उसके लिए लाभार्थी को सीजीएचएस के अतिरिक्त डायरेक्टर को ईमेल भेजकर मंजूरी लेनी होगी। ईमेल के साथ डॉक्टर की पर्ची व सीजीएचएस कार्ड की फोटो प्रति भेजनी पड़ेगी।
कुछ ही घंटे में वह मंजूरी प्रदान कर दी जाएगी। होम आइसोलेशन वाले कर्मियों को बाजार से कोई दवा लेनी पड़ती है तो उसका रिफंड होगा। रेमडेसिविर और टोसिलिजुमैब जैसी दवा केवल उन्हें मुहैया कराई जाएगीं, जो अस्पताल में भर्ती हैं। होम आइसोलेशन वालों को इन दवाओं का ऱिफंड नहीं मिलेगा। फूड आइटम और अस्वीकार्य आइटम का रिफंड भी नहीं किया जाएगा।