महापौर नूतन राठौर एवं नगर आयुक्त विजय कुमार ने बताया कि पार्थिव शरीर को यमुना व अन्य नदियों में जल समाधि देने अथवा प्रवाहित करने पर प्रभावी तरीके से रोक लगाई जाएगी। इसके लिए समिति में शामिल सभी पार्षदों को क्षेत्र निर्धारण करने के साथ लोगों को जागरूक करने का जिम्मा सौंपा गया है।
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कोविड अथवा सामान्य मौत के बाद लोगों के पार्थिव शरीर का यमुना एवं अन्य नदियों में प्रवाह अथवा जल समाधि पर रोक लगाई गई है। शासन के निर्देश के बाद महापौर नूतन राठौर एवं नगर आयुक्त ने नगरीय क्षेत्र में निगरानी और पर्यवेेक्षणीय समिति का गठन किया है। समिति में वरिष्ठ पार्षदों और विभिन्न विभागाध्यक्षों को दायित्व सौंपे गए हैं।
देश और प्रदेश के विभिन्न जिलों में गंगा और उसकी सहायक नदियों में पार्थिव शरीर को प्रवाहित करने अथवा जल समाधि दिए जाने की स्थिति सामने आ रही हैं। शासन स्तर पर इसकी रोकथाम के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार नगरीय अथवा शहरी क्षेत्र में कोविड अथवा अन्य कारणों से मौत के बाद पार्थिव शरीर को यमुना नदी में प्रवाहित नहीं किया जाएगा। इसके लिए महापौर नूतन राठौर की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति संयोजक नगर आयुक्त विजय कुमार को नामित किया गया है। समिति में विभिन्न वार्डों के पार्षदों और अधिकारियों को क्षेत्रवार पर्यवेक्षण का जिम्मा सौंपा गया है।
जल समाधि पर रोक के लिए लोगों को जागरूक करेगी समिति
महापौर नूतन राठौर एवं नगर आयुक्त विजय कुमार ने बताया कि पार्थिव शरीर को यमुना व अन्य नदियों में जल समाधि देने अथवा प्रवाहित करने पर प्रभावी तरीके से रोक लगाई जाएगी। इसके लिए समिति में शामिल सभी पार्षदों को क्षेत्र निर्धारण करने के साथ लोगों को जागरूक करने का जिम्मा सौंपा गया है।
पार्थिव शरीर यमुना में प्रवाहित करने पर होगी कार्रवाई
शासन ने मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए पांच हजार रुपये की आर्थिक मदद उनके परिजनों को देने का प्रावधान किया है। इसके बावजूद यदि कोई व्यक्ति किसी मृत शरीर को यमुना नदी अथवा अन्य किसी जगहों पर जल समाधि देता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।