मध्यम व छोटे व्यापारियों के हितों को देख रोटेशन प्रणाली के तहत बाजार खोलने की मांग
फिरोजाबाद। संयुक्त व्यापार मंडल द्वारा सोमवार को जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें मध्यम व छोटे व्यापारियों के हितों के रोटेशन प्रणाली के तहत बाजार खोलने की मांग की गई।
मंडल अध्यक्ष लक्ष्मी नरायन बघेल एवं जिलाध्यक्ष दुर्गेश वर्मा ने ज्ञापन में कहा कि इस समय देश ही नहीं अपितु पूरा विश्व इस कोरोना महामारी से प्रभावित है और तमाम समस्याओ से जूझ रहा है। ऐसे में कोरोना से बचने को केंद्र व प्रदेश सरकार तमाम ऐसे कदम उठा रही है। जिससे देश व प्रदेश इस महामारी से जीत सके। इसी कड़ी में सरकार ने लाॅकडाउन का भी कदम उठाया है। हम इस कदम की सराहना करते है। लेकिन लाॅकडाउन का शक्ति से पालन न होना इस कोरोना से लड़ने के हमारे प्रयास को विफल करता है। जिसका जीता जागता उदाहरण फिरोजाबाद के कुछ इलाके हाजीपुरा, जाटवपुरी से रामगढ़ रोड, सुहाग नगर चैराहा, कोटला रोड आदि जगह के बाजार है। जहां के बाजार खुले होने के साथ-साथ उनमें इती भीड़ देखी जाती है। जिससे डर का माहौल बनता दिखाई दे रहा है। साथ ही जो अन्य स्थानों के व्यापारी निराशा में डूबे हुये है। व्यापारियों का कहना है कि सरकार व प्रशासन द्वारा ऐसी दोहरी नीति क्यों अपनाई जा रही है। लाॅकडाउन का पिछली बार की तरह सख्ती से पालन कराया जाए। जिससे इस महामारी की जंग को जीत सके अन्यथा सभी बाजारों को खोलने की अनुमति प्रदान की जाए। ज्ञापन में कहा कि शराब के ठेकों के खुलने की वजह से भी व्यापारी वर्ग काफी चिंतित व नाराज है। कोरोना चरम पर है। लोगों की आय नगन्य है। ऐसी स्थिति में लोग शराब की दुकानों पर काफी भीड़ एकत्र करते दिखाई देते है। सोशल डिस्टेसिंग का भी कोई ध्यान नहीं रखते है। यह स्थिति कोरोना बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाएगी। साथ ही कहा कि तमाम परिवार ऐसे है जिनको अपनी जीविका चलाने को प्रतिदिन काम करना होता है और उन लोगों के पास कोई काम न होने के साथ उनका शराब के ठेकों पर जाकर शराब को पीकर घर आना फैमिली वायलेशन को बढ़ावा देता है। ऐसा कई जगह पर देखा गया है। कुछ ऐसा व्यापारी वर्ग जिनका व्यापार लाॅकडाउन में पूर्णतः बंद है। जिससे वह काफी प्रभावित हो रहे है। उनको अपनी और अपने परिवार की जीविका चलाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। व्यापार मंडल ने मांग करते हुये कहा कि व्यापारियों के हितों के बारे में सोच समस्या का निवारण किया जाए। ज्ञापन देने में संचित वर्मा, संजय, सौरभ वर्मा, रामलखन चैहान आदि शामिल रहे।