वसूली का ऑडियो वायरल होने के बाद अब बारा थाने के प्रभारी को हटा दिया गया है। इससे पूर्व डीआईजी ने सिपाही को निलंबित कर दिया था। इसके बाद किसी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई नहीं हुई। सवाल यह है कि वायरल ऑडियो में जो सिपाही अपनी बातचीत में सीओ से लेकर कई थानेदारों तक को वसूली में लपेट रहा था, उसमें सच्चाई क्या है। अगर वह निर्दोष है तो फिर उसे निलंबित क्यों किया गया। अगर उसकी बात में दम है तो इस प्रकरण से जुड़े अन्य पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है।

डीआईजी ने की कार्रवाई

बारा थाने के सिपाही सुनीत सिंह का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। उस ऑडियो में वह सड़क से गाड़ी पास कराने के लिए किसी व्यक्ति से सौदा करता है। चुनौती देता है कि अगर सीओ साहब पांच हजार रुपये ले रहे हैं तो वह दस हजार रुपये लेगा। ऑडियो वायरल होने पर डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने आरोपी सिपाही को निलंबित कर दिया। पुलिस अफसरों का कहना था कि मामला तीन-चार महीना पुराना है। आडियो कॉल रिकार्डिंग नहीं है बल्कि दोनों लोगों की बातचीत को रिकार्ड किया गया है। सिपाही के अलावा किसी अन्य पुलिसकर्मी पर कार्रवाई नहीं हुई।

बारा और थरवई के थानेदार बदले

डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने रविवार को बारा और थरवई के प्रभारियों को बदल दिया। पुलिस लाइंस से इंस्पेक्टर कुशल पाल सिंह को थाना प्रभारी थरवई और इंस्पेक्टर टीका राम वर्मा को प्रभारी निरीक्षक बारा बनाया गया है। डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने बताया कि पूर्व थानेदारों को रिजर्व में रखा गया है


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