लखनऊ: वैक्सीन के मामले में नंबर वन यूपी में योगी सरकार वैक्सीनेशन की रफ्तार और तेज़ करने जा रही है. इसके लिए सीएम योगी ने कोरोना वैक्सीन के ग्लोबल टेंडर की शर्तों में बदलाव का बड़ा फैसला लिया. राज्य सरकार ने ग्लोबल टेंडर की निविदा राशि आधी करने के साथ कई शर्तों में रियायत दी. इस बदलाव के बाद फाइज़र और मॉडर्ना समेत कई अन्य ग्लोबल वैक्सीन कंपनियां भी यूपी में वैक्सीन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में जुड़ सकेंगी.
योगी सरकार के इस फैसले के दो बड़े फायदे होंगे. एक तो, तय माना जा रहा है कि इससे यूपी में बहुत जल्द वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ेगी. दूसरे, यूपी के लोगों के पास पसंदीदा वैक्सीन चुनने के सबसे ज्यादा विकल्प होंगे.
कैसे उठाया गया बड़ा कदम?
वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने के लिए 7 मई को योगी सरकार ने कोरोना वैक्सीन खरीदने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किया था. निविदा राशि 16 करोड़ रुपए तय की थी. टेंडर में वैक्सीन के तापमान व स्टोरेज को लेकर भी नियम और शर्तें थीं. 12 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वैक्सीन निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर टेंडर की प्रक्रिया पर चर्चा की.
बैठक में फाइज़र, जॉन्सन एंड जॉन्सन, सीरम इंस्टीट्यूट, भारत बायोटेक के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. बैठक में चर्चा के बाद सरकार ने ग्लोबल टेंडर की शर्तों को आसान कर दिया. सरकार की योजना अधिक से अधिक कंपनियों को टेंडर में शामिल करने की है ताकि यूपी में टीके की कोई कमी न रहे.
कितनी आसान हुईं टेंडर की शर्तें?
ग्लोबल टेंडर में निविदा राशि 16 करोड़ के बजाय अब 8 करोड़ रूपए हो गई है. पहले 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर करने वाली वैक्सीन के लिए ही टेंडर मुफीद था, लेकिन अब माइनस 20 से माइनस 80 डिग्री तापमान पर स्टोर हो सकने वाली वैक्सीन के निर्माता भी टेंडर में शामिल हो सकेंगे. यानी फाइज़र व मॉडर्ना जैसी कंपनियों के लिए रास्ता साफ हो गया.
टेंडर के मुताबिक कंपनियों को कोरोना वैक्सीन को सरकारी वेयरहाउस तक सुरक्षित पहुंचाना होगा. यही नहीं, वैक्सीन लगने तक माइनस 20 से माइनस 80 डिग्री के तापमान वाले स्टोरेज की व्यवस्था भी कंपनियों की ही ज़िम्मेदारी होगी.
यूपी की ओर से जारी कोरोना वैक्सीन के ग्लोबल टेंडर में शामिल होने के लिए चीन समेत अन्य कुछ पड़ोसी देशों की कंपनियों को केन्द्र सरकार से मंज़ूरी लेना अनिवार्य होगा. वित्त मंत्रालय की ओर से कोरोना वैक्सीन की सप्लाई के लिए पड़ोसी देशों की कंपनियों के लिए 23 जुलाई 2020 को नियम बनाए गए थे. इसमें कंपनियों को वैक्सीन सप्लाई के लिए केंद्र सरकार के विहित प्राधिकारी के यहां रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा.