रामपुर: गर्मी के दिनों में बारिश आपको राहत पहुंचाती है, लेकिन जरा सोचिए अगर कोरोना लॉकडाउन के बीच रुपयों की बारिश होने लगे तो क्या हो! जी हां, आपको यकीन हो न हो, लेकिन उत्तर प्रदेश के रामपुर में ऐसा ही एक वाकया सामने आया है, जहां अचानक एक पेड़ से नोटों की बारिश शुरू हो गई. हवा में उड़ते 100, 200 और 500 के नोट देखकर पहले तो लोगों को भरोसा ही नहीं हुआ कि माजरा क्या है, लेकिन जब ये नोट उड़ते हुए जमीन पर गिरने लगे, तो इसे बटोरने की होड़ मच गई. देखते ही देखते इस पेड़ के नीचे कई लोग इकट्ठा हो गए और नोट बटोरना शुरू कर दिया.
रामपुर के शाहाबाद कस्बे की यह घटना शनिवार की है. पेड़ से नोटों की बारिश जिसने भी देखी, वह भागते हुए रुपए लूटने में लग गया. लोग नोट बटोर भी रहे थे और चीख-चीखकर पास के लोगों को बता भी रहे थे. आनन-फानन में यह खबर जंगल की आग की तरह फैल गई और पेड़ के नीचे कई लोगों की भीड़ जमा हो गई. जिसके हाथ जो भी नोट आ रहा था, वह उसे बटोरने में लगा था. लेकिन अभी लोग नोट बटोर ही रहे थे कि इसी बीच इसके पीछे की कहानी यानी सच्चाई सामने आ गई और लोगों के हाथ में आए पैसे निकल गए. दरअसल, नोटों की बारिश के पीछे एक बंदर की कारस्तानी थी.
माजरा कुछ यूं था कि शाहाबाद कस्बे में एक बंदर ने किसी पुलिसवाले का पर्स उठा लिया और लेकर एक पेड़ पर चढ़ गया. डायल 112 में तैनात पुलिसवाले को इसकी भनक भी नहीं लगी. पर्स लेकर बंदर एक पेड़ पर चढ़ गया और उसने पैसे निकालकर उड़ाना शुरू कर दिया. लोगों ने बंदर के लुटाए नोटों को देखकर इसे रुपयों की बारिश समझ लिया और पैसे इकट्ठा करना शुरू दिया. लेकिन नोटों की बारिश के पीछे की असलियत जब सामने आई, तो उन्हें मायूसी हाथ लगी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शाहाबाद कस्बे में तैनात पुलिसकर्मी अपनी गाड़ी में पर्स रखकर खाना खाने गए थे. लेकिन वे गाड़ी का शीशा बंद करना भूल गए. इस कस्बे में बड़ी तादाद में बंदर हैं, जिनके कारण लोग परेशान रहते हैं. इन्हीं बंदरों से एक ने पुलिसवाले का पर्स गाड़ी से निकाल लिया. पेड़ पर चढ़कर बंदर ने जब पर्स खोला तो उसमें से पैसे गिरने शुरू हो गए।