लखनऊ : रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर और उनकी समाजसेवी पत्नी नूतन ठाकुर ने चित्रकूट जेल के कथित गैंगवार तथा एनकाउंटर की घटना के संबंध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत की है।
शिकायत में उन्होंने कहा कि कम से कम 10 ऐसे कारण हैं, जो प्रशासन द्वारा बताई गयी घटना को अविश्वसनीय बनाते हैं। इनमे जेल में अचानक एक फर्स्ट क्लास हथियार आ जाना तथा उस व्यक्ति के पास पहुंच जाना जिसने पूर्व में अपनी हत्या की आशंक जताई हो, प्रशासन को सिर्फ पांच चुने हुए लोग ही गवाह के रूप में मिलना, अंशु दीक्षित द्वारा पूर्व में जेल में जेल प्रशासन तथा एडीजी अमिताभ यश द्वारा अपनी हत्या की साजिश की बात कहना और उसकी मौत वास्तव में लगभग उसी तरीके से होना, मुन्ना बजरंगी के बाद यूपी में एक ही तरीके से सुश्री बार जेल में अपराधियों की संदिग्ध मौत होना, दोनों मामलों में पूर्व में ही अमिताभ यश पर आशंका जताना और चित्रकूट जेल में सीसीटीवी कैमरा ख़राब होना शामिल हैं।
अमिताभ व नूतन ने कहा कि भले मरने वाले सभी लोग अपराधी हों पर यदि जेल में बंद लोगों को प्रशासन द्वारा मनमर्जी मारने का काम शुरू हो जायेगा तो पूरी व्यवस्था छिन्नभिन्न हो जाएगी। उन्होंने आयोग द्वारा अपने स्तर से इसकी जाँच कराये जाने की मांग की है।
गौरतलब है कि शुक्रवार सुबह दुर्दांत अपराधी अंशु दीक्षित ने चित्रकूट जेल में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाश मुकीम काला और मुख्तार अंसारी के गुर्गे मेराजुद्दीन की हत्या कर दी थी। बाद में सुरक्षा बलों ने अंशु को मार गिराया था।