उत्तर प्रदेश के उन्नाव में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह पर एफआईआर दर्ज की गई है. रिटायर्ड आईएएस एसपी सिंह पर एक ट्वीट के माध्यम से जन मानस को भड़काने के प्रयास का आरोप है. एसपी सिंह का ट्वीट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इसी को लेकर उन्नाव सदर कोतवाली पुलिस ने ट्वीट का संज्ञान लिया है. सदर कोतवाली में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी पर महामारी एक्ट, आपदा प्रबंधन एक्ट व आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है.

यह योगी मॉडल जीवित को इलाज नहीं
रिटायर्ड आईएएस अधिकारी एसपी सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि 67 शवों को योगी सरकार ने गंगा के तट पर जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफन किया है. शवों का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति रिवाज से न करना हिंदुओ के लिए कलंक जैसा है. यूपी का यह योगी मॉडल जीवित को इलाज नहीं, मृतक का अंतिम संस्कार नहीं. इसके अलावा एसपी सिंह ने एक फोटो शेयर किया है जिसमें शव गंगा में बहते हुए जा रहे हैं. एसपी सिंह का ट्वीट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. मामले में उन्नाव सदर कोतवाली पुलिस ने ट्वीट का संज्ञान लिया है. पुलिस का दावा है जो 100 शव गंगा में बहते हुए दिखाए जा रहे हैं, वह जनवरी 2014 का है.

एफआईआर के बाद उठाए सवाल
उधर एफआईआर दर्ज होने के बाद एसपी सिंह ने कई ट्वीट किए हैं, इनमें उन्होंने लिखा है कि बात सच हो गई. धारा 153, 465, 505, 21, 54 और IT Act 67 के तहत मेरे ऊपर उन्नाव पुलिस ने मुक़दमा लिख दिया है. उन्होंने पूछा है कि क्या उन्नाव में कोई लाशें नहीं तैर रहीं? क्या मुझ पर मुक़दमा कर देने से सच बदल जाएगा? मां गंगा में तैरते 2000 शवों पर सरकार का जवाब- FIR, मां गंगा भी तुम्हें माफ नहीं करेंगी याद रखना


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