देश की जेलों में कोरोना को लेकर ज़बरदस्त ख़ौफ फैला हुआ है. होना भी चाहिए क्योंकि कोरोना के इस वायरस का इलाज या उससे बचने के उपाय नहीं किए गए तो जेलों में आपस में सटकर रहने वाले क़ैदियों की लाशों का अंबार लगा सकता है. हमारे देश के इस मौजूदा हालात में अस्पतालों में मरीज़ों का तांता लगा हुआ है. ऑक्सीज़न की कमीं से लोग सड़कों पर मर रहे हैं. कोरोना का टेस्ट कराने वालों की लाइनें लगी हैं. आधे से ज़्यादा देश के लोग घरों में क़ैद हैं. ऐसे में जेलों में बंद कैदियों की सुध लेने वाला कौन है. ऐसे में नोएडा जेल से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 56 बंदियों को पैरोल दी गई है। 
 

दो गज की दूरी के साथ ही मास्क का भी

प्रदेश की नोएडा जेल में तैनात जेल अधीक्षक भीमसेन मुकुंद ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार अब तक 69 बंदियों को पैरोल पर छोड़ा गया है आगे भी इस गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। इसके साथ ही जेल में दो गज की दूरी के साथ ही मास्क का भी बंदियों द्वारा प्रयोग किया जा रहा है इतना ही नहीं जेल की बैरिंग से लेकर पूरे जेल कंपाउंड को दिन में दो से तीन बार सैनिटाइज भी किया जा रहा है। साथ ही साथ बंदियों के खाने की गुणवत्ता को भी बधाई जा रही है जिससे उनकी हुमिनिटी को बढ़ाया जा सके। 
 

कैदियों को दिया जा रहा काढ़ा

कैदियों की रिहाई को लेकर नॉएडा जेल के जेल अधीक्षक ने बताया कि कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए काढ़ा दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 45 से 60 साल की आयु के कैदियों को कोरोना वैक्सीन भी लगाई जा चुकी है. इतना ही नहीं जेल में आ रहे नए बंदियों को अस्थाई जेल में रखा जा रहा है और उनके स्वास्थ की भी ध्यान में रखा जा रहा है। 

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