त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का अंतिम चल रहा है, आज तीसरे दिन भी मतगणना हो रही है। पंचायत चुनाव को लेकर जहां पुलिस महकमे ने अपराधियों ने खिलाफ अभियान छेड़ रखा था, खाकी के द्वारा अपराधियों के मकान तक कुर्क किए गए। इसके साथ ही गुंडाएक्ट, जिलाबदर आदि कार्रवाई की गई। फिर भी लोकतंत्र में कई कुख्यातों के स्वजन गांवों में ‘सरकार’ बनने में कामयाब हुए, और अपराधियों के सामने पुलिस बेबस नजर आई।।
कुख्यात के परिजनों ने बनाई गांव वाली सरकार
एक लाख रुपये के इनामी रहे प्रमोद राठी की मां सुभाषना देवी लगातार दूसरी बार गांगनौली गांव की प्रधान चुनी गई। पुलिस-प्रशासन ने चुनाव से पहले उनके मकान को कुर्क किया। सहारनपुर में पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके मोस्टवांटेड राहुल खट्टा की मां क्षमा देवी ग्राम खट्टा प्रहलादपुर की दूसरी बार प्रधान बनी। पुलिस ने चुनाव से पहले उसके मकान को भी कुर्क किया था।
हिस्ट्रीशीटर उधम सिंह का ममेरा भाई बना प्रधान
कुख्यात ऊधम सिंह करनावल का ममेरा भाई एवं वाजिदपुर निवासी गुड्डू उर्फ अश्वनी अपने गांव का प्रधान चुना गया। पुलिस ने चुनाव से पूर्व उसके मकान को भी कुर्क किया था। दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद कुख्यात अंकित उर्फ बाबा की मां गीता देवी ग्राम प्रधान निर्वाचित हुई है। वह रंगदारी व वोटरों को धमकाने के केस में फरार चल रही हैं। इसके साथ ही बड़ौत कोतवाली के हिस्ट्रीशीटर अपिल की भाभी बबली देवी ग्राम लुहारी की प्रधान चुनी गई।
अपराधियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई
अभिषेक सिंह, एसपी बागपत ने कहा कि पुलिस का मकसद पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और भयमुक्त कराना था। इसमें पुलिस कामयाब हुई। अपराधियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की गई है। लोकतंत्र में चुनाव लडऩे का सभी को अधिकार है।
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