गूगल कर्मचारियों के खाने, मनोरंजन और उन्हें आराम की सुविधा देने  के लिए खासा खर्च किया जाता है. लेकिन वर्क फ्रॉम होम की  वजह से ये भत्ते कर्मचारियों को अब नहीं दिए जा रहे हैं. लिहाजा कंपनी का काफी पैसा बच जाता है.

कोरोना की वजह से पूरी दुनिया में ‘वर्क फ्रॉम होम’ का चलन बढ़ गया है. लिहाजा कंपनियों की अब कर्मचारियों पर लागत घट गई है. भारतीय कंपनियों समेत दुनिया की तमाम दिग्गज कंपनियों को परिचालन के मोर्चे पर पहले की तुलना में कम खर्च करना पड़ रहा है. दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल को भी वर्क फ्रॉम होम की वजह से पिछले एक  साल में 7400 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है.

कर्मचारियों के मनोरंजन और आराम पर खर्चा घटा 

 

गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक. के मुताबिक  साल 2020 में एडवरटाइजिंग और प्रमोशनल खर्चों में 1.4 बिलियन डॉलर की कमी आई . कंपनी ने कोरोना के दौरान खर्चों को घटाया, रोका या कैंपेन को रीशेड्यूल किया. कुछ इवेंट्स को केवल डिजिटल फॉर्मेट में बदल दिया. ऐसे में ट्रैवल और एंटरटेनमेंट खर्च 371 मिलियन डॉलर कम हो गया.

 

वर्क फ्रॉम होम से कर्मचारियों के भत्ते में कटौती 

 

गूगल कर्मचारियों के मनोरंजन और उनके आराम के लिए काफी खर्च करती है. गूगल में कर्मचारियों के खाने, मनोरंजन और उन्हें आराम की सुविधा देने  के लिए खासा खर्च किया जाता है. लेकिन वर्क फ्रॉम होम की  वजह से ये भत्ते कर्मचारियों को अब नहीं दिए जा रहे हैं. लिहाजा कंपनी का काफी पैसा बच जाता है. हालांकि, गूगल इस साल के अंत में दोबारा ऑफिस से काम शुरू करने की योजना बना रही है. चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर रूथ पोराट ने निवेशकों को बताया कि कंपनी एक ‘हाइब्रिड’ मॉडल की योजना बना रही है, जिसमें कर्मचारियों की जगह पहले की तुलना में कम है. पोराट ने यह भी कहा कि गूगल दुनिया भर में रियल एस्टेट में निवेश कम करना नहीं चाहेगी.

 


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