फिरोजाबाद। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष उमेश चंद्र यादव एवं जिला मंत्री राजीव शर्मा ने शासन-प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षकों को दोयम दर्जे का मानते हुए ट्रेनिंग से लेकर पीठासीन अधिकारी तक आरओ, एआरआ,े डिकोडिंग स्लीप बांटने तक इस तरह से लगा दिया गया है कि जैसे शिक्षक कोई निरीह प्राणी हो। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को भी कोरोना जैसी बीमारी परेशान कर सकती है। इनके भी परिवार हैं। सुरक्षा के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण प्रदेश में कई जगह पीठासीन अधिकारियों की पिटाई एवं उनके साथ अभद्रता की गई। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी एवं कोरोना जैसी बीमारी से लड़ने के लिए शिक्षकों एवं कर्मचारियों को पूर्ण सुरक्षा दी जाए। शिक्षक एवं कर्मचारी कभी भी देश एवं प्रदेश के हित में पीछे नहीं रहा है। ना कभी अपनी ड्यूटी से जी चुराता है। परंतु जिस भावना से शासन और प्रशासन शिक्षकों के साथ एवं कर्मचारियों के साथ जो कार्य कर रहा है वह बहुत ही सोचनीय विषय है।


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