इस समय पूरा देश कोरोना संक्रमण के निशाने पर है। ऐसे में कई लोग हॉस्पिटल में बेड और ऑक्सीजन सिलिंडर की तलाश में इधर-कदर धक्के खा रहे हैं।
इसी के चलते दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की भी कमी सामने आ रही है।  जिसके लिए कई नर्सिंग होम और हॉस्पिटल से दिल्ली पुलिस को फ़ोन कर मदद मांगी जा रही है। अभी तक कई नर्सिंग होम को दिल्ली पुलिस ने प्राइवेट वेंडर्स से सिलेंडर लेकर उन्हें भिजवाए हैं। जबकि कई ऑक्सीजन से भरे ट्रक को ग्रीन कॉरिडोर भी उपलब्ध कराया है।
 

रोज़ आना नए मामले 

खबर के अनुसार 21 अप्रैल की सुबह 8 बजकर 57 मिनट पर अमरलीला हॉस्पिटल जनकपुरी से एक PCR को कॉल की गई कि उनके जो ऑक्सीजन का स्टॉक है वो खत्म होने वाला है। जिसकी वजह से उनके हॉस्पिटल में एडमिट 32 कोविड मरीज की जान खतरे में पड़ने की सम्भावना है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने कई ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले वेंडर्स से संपर्क किया और उसके बाद कीर्ति नगर इलाके से उन्हें कुछ सिलेंडर प्राप्त करने में सफलता मिली जिसे तुरंत ही IRV गाड़ी की मदद से हॉस्पिटल भिजवाया गया। बता दें, इसके बाद पुलिस ने गोल मार्केट और मायापुरी इलाकों से भी ऑक्सीजन के सिलेंडर हॉस्पिटल को उपलब्ध कराया। पुलिस का कहना है कि वह लगातार हॉस्पिटल और ऑक्सीजन उपलब्ध कराने वाले वेंडर से संपर्क में है ताकि अगर कभी कोई इमरजेंसी की सिचुएशन आए तो वह हॉस्पिटल की मदद कर सकें। 
 

हरयाणा पुलिस से भी किया संपर्क 

बस इसी तरह एक और कॉल आई  जिसके बाद अलीपुर पुलिस ने ऑक्सीजन से भरे एक ट्रक को कुंडली बॉर्डर से निकाल कर वक्त रहते हॉस्पिटल पहुंचाया। ख़बरों की माने तो, इसके लिए पुलिस ने एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया और कम वक्त में ही ऑक्सीजन सिलेंडर से भरे ट्रक को हॉस्पिटल पहुचने में बखूब मदद की। मामले की सूचना मिलते ही अलीपुर थाने के SHO अपनी टीम और बाइक पेट्रोलिंग टीम के साथ मौके पर पहुंचे और वहां से उन्होंने जाकर हरियाणा पुलिस से संपर्क किया और फिर ट्रक को जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल पहुंचाया। 
 

करें मदद 

दिल्ली पुलिस का कहना है कि उनके पास इस तरीके के कई फोन आ रहे हैं खासतौर पर छोटे हॉस्पिटल्स और नर्सिंग होम से जहां पर सिलेंडर का इस्तेमाल होता है कि ऑक्सीजन खत्म हो रहा है यहां पर पुलिस की कोशिश है कि वह उन प्राइवेट वेंडर्स के जरिए ऐसे नर्सिंग होम में जल्द से जल्द आ ऑक्सीजन उपलब्ध करा दें। जिससे मरीज़ों की जान बच सके और उनका इलाज समय पर और सही तरीके से होने में कोई बाधा ना आए। 

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