दिल्ली सीमाओं पर पिछले साल नवंबर महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने चिकित्सा ऑक्सीजन के वाहनों को शहर में नहीं जाने दे रहे आरोपों को खारिज कर दिया है.
नई दिल्ली: सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को इन आरोपों को ‘दुष्प्रचार’ कहकर खारिज कर दिया कि वे चिकित्सा ऑक्सीजन के वाहनों को शहर में नहीं जाने दे रहे हैं. साथ ही कोविड-19 मरीजों की जान जोखिम में डाल रहे हैं.
बीजेपी सासंद प्रवेश वर्मा ने मंगलवार रात को आरोप लगाया कि दिल्ली में चिकित्सा ऑक्सीजन की ढुलाई किसानों द्वारा सड़क जाम कर दिये जाने के कारण प्रभावित हुई है. कई किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने बुधवार को कहा कि आंदोलन के पहले दिन से ही उन्होंने आपात सेवाओं के लिए एक तरफ का मार्ग खुला छोड़ रखा है.
किसान हर मानव के अधिकार का समर्थन करते हैं- मोर्चा
मोर्चा ने कहा,‘‘एक भी एंबुलेंस या जरूरी वस्तु सेवा को नहीं रोका गया है. किसान नहीं, बल्कि यह सरकार ही है जिसने मजबूत और बहुस्तरीय बैरीकेड (कील) लगा दिये हैं. किसान मानवाधिाकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं और वे हर मानव के अधिकार का समर्थन करते हैं.’’
कृषि कानून के खिलाफ पिछले साल नवंबर से सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं किसान
उसने कहा, ‘‘ किसानों के विरूद्ध दुष्प्रचार किया जा रहा है कि उन्होंने सड़कें जाम कर दी है और दिल्ली में ऑक्सीजन नहीं आने दे रहे हैं. यह बिल्कुल गलत खबर है. हां, हम प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन हम कोविड-19 मरीजों, कोरोना योद्धाओं या आम नागरिकों के विरूद्ध नहीं प्रदर्शन कर रहे हैं. हम कृषि पर सरकार की भेदभावकारी नीति के खिलाफ हैं.’’ पंजाब, हरियाणा एवं कई अन्य राज्यों के हजारों किसान तीन केंद्रीय कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं.