मुख्य विकास अधिकारी शत्रोहन वैश्य की अध्यक्षता में आज उनके सभागार कक्ष में भूजल स्तर के संचयन एवं संरक्षण हेतु बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के दौरान प्रदेश में गिरते हुए भूजल स्तर के संचयन एवं संरक्षण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अधिनियम 2019 एवं नियमावली 2020 लागू किया गया है, जिसका मूल उद्देश्य डार्क जोन को जल संचयन संरक्षण द्वारा सुरक्षित जोन में करना सुनिश्चित किया गया है।
प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल प्रबंधन एवं विनियम अधिनियम 2019 में दिए गए निर्देशों के क्रम में जनपद स्तर पर जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद का गठन किया गया है। परिषद द्वारा समस्त भूजल उपभोक्ताओं को अनापत्ति प्रमाण पत्र पंजीकरण करवाना अनिवार्य है, यदि कोई भूजल उपभोक्ता पंजीकरण एवं एन0ओ0सी0 नहीं लेता है, तो उसके बोरवेल एवं कूप को पूर्णतया बंद करने का दिशा निर्देश दिया गया है। बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी को बताया गया कि जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद की बैठक में कुल वेब पोर्टल में 190 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें औद्योगिक क्षेत्र में अनापत्ति प्रमाण पत्र हेतु 12 आवेदन, बल्क यूजर के 2 आवेदन अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए तथा औद्योगिक पंजीकरण के लिए 1 आवेदन तथा कृषि पंजीकरण हेतु 175 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें कुल 122 आवेदन स्वीकृत किए गए तथा 68 आवेदन अस्वीकृत किए गए। सदस्य सचिव मुख्य विकास अधिकारी एवं जिला भूगर्भ जल प्रबंधन परिषद द्वारा विचार विमर्श के उपरांत समस्त भूजल उपभोक्ताओं एवं पूर्व में अनापत्ति प्राप्त एवं पंजीकरण प्राप्त किए गए भूजल उपभोक्ताओं के वर्षा जल संचयन प्रणाली का भौतिक सत्यापन करने का निर्णय लिया गया। बैठक के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट राजेंद्र सिंह सहित संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी आदि उपस्थित रहे।
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