जिलाधिकारी रमेश रंजन की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार कक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में कुल 14 बिंदुओं की समीक्षा की गयी। सर्वप्रथम यू पी हेल्थ डेश बोर्ड की समीक्षा करते हुए पाया गया कि जनपद की रैंकिंग 45 वीं है जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की उन्होंने कहा कि जिले की रैंकिंग में और सुधार होना चाहिए इसके लिए सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सभी पैरामीटर पर कार्य करें और ध्यान दें, जनपद में समस्त स्वास्थ्य इकाइयों की ओ0पी0डी0 की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में ओ0पी0डी0 की सुविधा हो जिससे मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़े जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि 48 घंटे के अंदर इसमें गर्भवती महिलाओं को पेमेंट अवश्य हो जाना चाहिए 48 घंटे के अंदर अगर पेमेंट नहीं किया गया तो कार्रवाई होगी साथ ही उन्होंने कहा कि जिस भी सीएचसी, पीएचसी पर भुगतान की स्थिति 91.5 से नीचे है वहां के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक का वेतन रोका जाएगा, सभी चिकित्सा प्रभारी अधीक्षक इसको गंभीरता से लें, आशा कार्यकत्रियों के कार्यों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसी आशा जो कार्य नहीं कर रही हैं एवं जिनके कार्य की प्रगति अत्यंत ही खराब है उनको 7 दिन का समय देकर नोटिस जारी करें और उनके कार्य से हटा दिया जाए, जिलाधिकारी ने साथ ही सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद में डेंगू के मरीजों की पहचान करें इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करें, अभी तक जनपद में डेंगी के कुल 41 केस आए हैं उन्होंने नोडल चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि गांव में कैंप लगाकर डेंगू के मरीजों की जांच करें अगर जो भी इसमें लापरवाही करेगा उसके सस्पेंशन की कार्रवाई की जाएगी, अपने-अपने क्षेत्र में हर डॉक्टर लगातार निरीक्षण करते रहें, इसके अलावा जिलाधिकारी ने कहा कि हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर वेइंग मशीन अवश्य उपलब्ध हो, साथ ही उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भी निर्देशित किया कि आप समस्त कार्यों को भ्रमणशील रहते हुए निरीक्षण करते रहें, जिससे जिले की चिकित्सा सेवाएं आम नागरिकों को राहत प्रदान कर सकें।