सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जसराना में व्याप्त अव्यवस्थाओं के कारण जिलाधिकारी ने फार्मासिस्टों के वेतन रोकने और चिकित्सा अधीक्षक को कारण बताओं नोटिस जारी करने के दिए आदेश।
जिलाधिकारी रमेश रंजन ने आज जनहितकारी अनेक केन्द्रों का निरीक्षण किया जिसमें सर्वप्रथम वह मक्खनपुर स्थित निर्मणाधीन सामुदायिक केन्द्र (कल्याण मंडप) पहुचें। इसका निर्माण गरीब वर्ग के शादी समारोह के आयोजन के लिए किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान पाया कि इसमंे निर्मित कमरे छोटे हैं, जिलाधिकारी नेे कहा कि इसको और बड़ा होना चाहिए, बाथरूम में स्नान घर भी अवश्य होना चाहिए, इस प्रोजेक्ट का कार्य 60 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है, इसे दिसंबर 2024 तक पूरा किया जाना है। जिलाधिकारी ने कहा कि कार्य में प्रगति लाएंे जिससे इसे ससमय पूरा किया जा सके। इस सामुदायिक केंद्र को 3 करोड़ 25 लाख रुपए से बनाया जा रहा है, इसकी कार्यदायी संस्था सी एंड डी एस है। उन्होने कह कि कार्य को करते समय अपने स्किल का प्रयोग करते हुए किसी भी निर्माण कार्य को पूरा करें जिससे इसमें गुणवत्ता बनी रहें।
इसके पश्चात जिलाधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जसराना पहुंचे, जहां पर अस्पताल में व्याप्त गंदगी को देखकर जिलाधिकारी अत्यंत नाराज हुए, प्रवेश द्वार पर और काउंटर पर गंदगी को देखकर जिलाधिकारी ने अत्यंत नाराजगी व्यक्त करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक को त्वरित सफाई कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने अधिशासी अधिकारी को भी निर्देशित किया कि यहां पर अपने दो सफाई कर्मचारी लगाकर यहां की गंदगी को दूर कराए। साथ ही यहां पर रजिस्टर व्यवस्थित न होने पर सभी फार्मासिस्टों के वेतन रोकने का आदेश मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिए और अस्पताल में जगह-जगह अव्यवस्था पाए जाने पर चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर विमल उपाध्याय को कारण बताओं नोटिस भी जारी करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी दवा वितरण केंद्र पर नियुक्त कर्मचारियों की प्रॉपर ड्रेस न होने पर भी नाराज दिखें। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने स्टॉक रजिस्टर, दवा रजिस्टर, एक्सपायरी रजिस्टर, को भी सघनता से जांचा। साथ ही उन्होंने स्वयं अपनी अपनी डायबिटीज चेक कराई उनकी रेण्डम 84 आई ताकि मशीन के संचालन की स्थिति को जाना जा सके। उन्होंने स्टोर रूम का निरीक्षण किया, साथ ही डेंटल रूम में जाकर डेंटल चेयर का भी निरीक्षण किया। उन्होंने आयुष्मान कार्ड सेंटर का भी निरीक्षण करते हुए यह जानकारी प्राप्त करनी चाहिए की आयुष्मान कार्ड से कितने मरीज का इलाज हो रहा है, जिस पर जिलाधिकारी को अवगत कराया गया कि इस महीने कुल 46 मरीजों का इलाज आयुष्मान कार्ड से हुआ है। जिलाधिकारी ने कहा कि आयुष्मान कार्ड से ज्यादा से ज्यादा मरीजों का इलाज करवाया जाए। उन्होंने निरीक्षण के दौरान कोल्ड चैन रूम देखा यहां पर एक कोल्ड चेन मशीन खराब पाई गई, जिलाधिकारी ने कहा कि मशीन पूरी तरीके से सही होनी चाहिए ताकि चिकित्सीय उपकराणों और दवाओं का संग्रहण किया जा सके और उन्हें सुरक्षित रखा जा सके और यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्स-रे मशीन न होने की जानकारी होने पर मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि यहां एक्स रे मशीन की उपलब्धता कराई जाए, जिससे मरीजों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। उन्होंने वहां उपस्थित मरीजों से वार्ता भी की और वार्ता के उपरांत वह इस बात से संतुष्ट थे कि मरीजों को दवा इत्यादि की व्यवस्था उपलब्ध है और मरीजों को उपलब्ध भी कराई जा रही है। अंत में जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिक्षक को सख्त हिदायत दी की यहां पर साफ-सफाई की व्यवस्था हो, सभी कर्मचारी प्रोपर डेªस में हो, मरीजांे को यहां पर इलाज के लिए भटकना न पडे़ इन बातों का अवश्य ध्यान रखें अन्यथा कठोर कार्यवाही की जाएगी।
जिलाधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में ही बन रहे इंटीग्रेटेड लैब का भी निरीक्षण किया, जहां उन्हे बताया गया कि इस महीने ही इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इस लैब के बनने से मरीज को अत्यंत राहत मिलेगी उन्हें बाहर जाकर जांच इत्यादि कराने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
इसके बाद जिलाधिकारी जसराना में निर्मित एमआरएफ सेंटर देखने गए, जो 35.67 लाख लागत से निर्मित हो रहा है। इसमें 90 प्रतिशत तक कार्य हो चुका है, इसे शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि एमआरएफ सेंटर में प्रवेश करने वाले मार्ग का निर्माण भी प्रॉपर तरीके से हो।
इसके बाद जिलाधिकारी विकास खण्ड हाथवंत परिसर में बने गौशाला का निरीक्षण करने भी गए, जहां पर उन्होने निर्देशित किया कि यहां पर साफ-सफाई की व्यवस्था रहें और हरे चारें और भूसे की पर्याप्त उपलब्धता रहें।