प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के सम्बन्ध में मीडीया कर्मियांे को दी जानकारी।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के लिए सभी बेघर एवं आवास विहीन परिवारों को पक्की छत उपलब्ध कराने का कार्य किया जाता है। इसमंे नये सिरे से सर्वें का कार्य कराया जा रहा है, साथ ही पात्र लोग ही इसका लाभ प्राप्त कर सके। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का लाभ प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि पात्र परिवार, लाभार्थी का नाम सर्वेक्षण के पश्चात तैयार की जाने वाली पात्रता सूची में सम्मिलित हो इसके लिए निम्न मानक निर्धारित किए गए हैं। आश्रय विहीन परिवार, बेसहारा एवं भीख मांगने वाले, जीवन यापन करने वाले परिवार, हाथ से मैला ढोने वाले, आदिम जनजातीय समूह, वैधानिक रूप से मुक्त कराए गए बंधुआ मजदूर।
इसके अलावा वह लोग अपात्र समझ जाएंगे जो इन मानको के तहत आते हैं, जिनके पास मोटर युक्त तिपहिया, चैपहिया वाहन हो, मशीनी तिपहिया चैपइयां कृषि उपकरण हो, 50 हजार या इससे अधिक की ऋण सीमा वाले किसान क्रेडिट कार्ड धारक, वह परिवार जिनका कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी हो, सरकार के पास पंजीकृत गैर कृषि उद्यम वाले परिवार, वह परिवार जिनका कोई सदस्य रुपए 15 हजार से अधिक प्रतिमाह कमा रहा हो, आयकर देने वाले परिवार, व्यवसाय करने वाले परिवार, वह परिवार जिनके पास ढाई एकड़ या इससे अधिक सिंचित भूमि हो, वह परिवार जिनके पास 5 एकड़ या इससे अधिक की असिंचित भूमि हो।
इस संबंध में जिलाधिकारी रमेश रंजन ने संबंधितों को निर्देशित किया कि इस योजना का प्रचार-प्रसार अधिक से अधिक कराया जाए जिससे इस योजना से पात्र लाभार्थियों को मदद मिल सके पात्रता एवं अपात्रता के मानको को ग्राम पंचायत में सार्वजनिक स्थानों पर वॉल राइटिंग कराई जाए जिससे जन सामान्य को इस योजना के संबंध में पूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि तहसील एवं थाना दिवसों में खंड विकास अधिकारी प्रचार प्रचार की व्यवस्था कराएंगे। योजना के प्रचार-प्रसार एवं जागरूकता के लिए विकासखंड में निर्मित किए गए मॉडल आवासों को चिन्हित लाभार्थियों को दिखाया जाए।
जिलाधिकारी ने इस योजना के विषय में मीडिया कर्मियों का अवगत कराते हुए बताया कि इस योजना में नई सिरे से सर्वे होगा। साथ ही साथ इसमें दो महत्वपूर्ण बदलाव भी ले गए हैं पहले जिन व्यक्तियों की प्रतिमाह औसत आय 10000 होती थी उनको इसका पात्र नहीं माना जाता था परंतु अभी सीमा को बढ़ाकर 15000 कर दिया गया है साथ ही पहले दो पहिया वाहन रखने वालों को भी इस योजना का लाभ नहीं दिया जाता था परंतु अब उन्हें इस सीमा से बाहर कर दिया गया है। अब मोटर युक्त तिपहिया या चैपाइयां वाहन रखने वाले इसके अपात्र माने जाएंगे परंतु दो पहिया वाहन रखने वाले इसकी पात्रता की श्रेणी में आएंगे। बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी शत्रोहन वैश्य व अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहें।