सरकार की योजनाओं की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप उन व्यक्तियों की कितनी मदद करते हैं जो सदइच्छा से कार्य करना चाहते हैं।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि मानवीय अस्तित्व को मशीनी अस्तित्व में तब्दील न होने दे सह्रदय बने और लोगों के दुख दर्द को समझ कर, उनकी हर संभव मदद करें।
मुख्य विकास अधिकारी शत्रोहन वैश्य की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार कक्ष में जिला स्तरीय पुनरीक्षण समिति, जिला सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर देते हुए विभाग के अध्यक्षों एवं संबंधित बैंकों के जिला समन्वयकों से सभी लंबित आवेदनों को अभिलंब निस्तारण करने को निर्देशित किया। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि चाहे जो भी योजना शासन की हो उनका लाभ लाभार्थियों को ससमय मिले, इस बात को सभी आए हुए अधिकारी सुनिश्चित कर लें। आप द्वारा किया गया कार्य तभी सार्थक माना जाएगा जब इसका लाभ लाभार्थियों को प्राप्त हो, इस बात का भी आप सब लोग ध्यान रखें की लाभार्थी बैंकों के चक्कर बार-बार ना लगाए, उनकी हर संभव मदद आपके स्तर से होनी चाहिए। सरकार की योजनाओं की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप उन व्यक्तियों की कितनी मदद करते हैं जो सदइच्छा से कार्य करना चाहते हैं। साथ ही मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि मानवीय अस्तित्व को मशीनी अस्तित्व में तब्दील न होने दे सह्रदय बने और लोगों के दुख दर्द को समझ कर, उनकी हर संभव मदद करें। साथ ही उन बैंकों को जिनके यहां पेंडेंसी अधिकतम है, उनको सख्त निर्देशित करते हुए कहां की अपने यहां की पेंडेंसी को खत्म करें जिससे लाभार्थियों को उनका लाभ मिल सके डीआरपी रचना यादव ने कहा कि बैंक कर्मियों का व्यवहार अक्सर अच्छा नहीं होता है, जिससे काम लंबित हो जाते हैं। इस पर मुख्य विकास अधिकारी ने आए हुए समस्त बैंक समन्वयकों को निर्देशित करते हुए कहा कि आप सभी के साथ अच्छा व्यवहार करें इस तरह की शिकायत आने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। समीक्षा में आर्यावर्त बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ़ इंडिया व एचडीएफसी बैंक की प्रगति असंतोषजनक पाई गई जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने इन बैंकों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अपने लक्ष्य को पूरा करें तथा स्वीकृत ऋण का 100% संवितरण सुनिश्चित कराये। मत्स्य पालन योजना तथा केसीसी पशुपालन क्रेडिट कार्ड योजना की प्रगति असंतोष जनक तरीके से पाए जाने पर मुख्य विकास अधिकारी अत्यंत नाराज दिखें और उन्होंने कहा कि इन दोनों योजनाओं से सामान्य व्यक्तियों को अत्यंत लाभ पहुंचता है। अतः इन योजनाओं में शत प्रतिशत प्रगति लाए। ओडीओपी योजना के तहत जनपद में वास्तविक लक्ष्य 200 निर्धारित किया गया था, परंतु इसके सापेक्ष केवल 13 व्यक्तियों में वितरण पाया गया। इस पर भी मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि यह सरकार की जन हितेषी योजना हैं, इसमें ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों को शामिल करें। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत बैंक ऑफ़ इंडिया व स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में पेंडेंसी ज्यादा होने पर भी मुख्य विकास अधिकारी ने इन बैंकों के प्रतिनिधियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अपने यहां की पेंडेंसी को खत्म करें, क्योंकि यह युवाओं के स्वरोजगार की योजना है। इन योजनाओं के समीक्षा उपरांत मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि आप सब स्वयं अपने विभाग की बैठक आयोजित कर इन पेंडेंसियों को खत्म करें जिससे सामान्य जनता को राहत प्रदान किया जा सके। बैठक के दौरान डिप्टी डायरेक्टर इंस्टीट्यूशनल फाइनेंस संजय सिंह, आरबीआई से नितिन कुमार, नाबार्ड से विशाल आनंद, एलडीएम सुरेश करीरा सहित संबंधित बैंकों के प्रतिनिधि एवं जिला स्तरीय अधिकारी आदि उपस्थित रहे।