शासन ने डूबने से बचाव हेतु जारी किए गाइडलाइन्स।
लगातार डूबने से हो रही घटनाओं के मद्देनजर राहत आयुक्त ने डूबने से बचाव हेतु सुरक्षा के निम्न उपायों को अपनाने की अपील नागरिकों से की है, जो इस प्रकार है। यदि तैरना न आता हो तो नदी, नहर, नाले अथवा तालाब आदि में कदापि न जाएं एवं अपने स्वजन को भी जाने से रोकें, बच्चों को पुलिया एवं ऊंचे टीलों से पानी में कूद कर स्नान करने से रोकें, अति आवश्यक हो तो ही पानी में उतरें एवं गहराई का ध्यान रखें, ओवरलोडेड नौकाओं में न बैठें। कोशिश करें कि किसी नदी, पोखर, तालाब या जल स्रोत में सामूहिक रूप से स्नान जाते समय अपने साथ 10-15 मीटर लंबी रस्सी या धोती व साड़ी अवश्य रखें। नदियों, नहरों, जलाशयों या अन्य जल स्रोतों के पास लिखी हुई चेतावनी की अवहेलना न करें। छोटे बच्चों को घाटों एवं जल स्रोतों के समीप न जाने दें। किसी के उकसावे में आकर पानी में छलांग न लगाएं। नदियों या अन्य जल स्रोतों के घाटों पर रीति-रिवाजों एवं संस्कारों का निर्वहन करते समय सावधानी बरतें। नदी या तालाब में तैरते व स्नान करते समय स्टंट न करें एवं सेल्फी आदि न लें ऐसा करना जानलेवा हो सकता है। नागरिकों से अपील है कि नागरिक इन सावधानियों का अवष्य ध्यान रखें, जिससे डूबने से उनका बचाव हो सके। इस कार्य में ग्राम प्रधानों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। यदि दुर्भाग्यवष ऐसी घटना घटित हो जाती है तो शासन द्वारा राहत राषि निर्धारण भी किया गया है जिनमें मृत्यु होने पर रू0 4 लाख पोस्टमार्टम एवं पंचनामा अनिवार्य है, शारिरिक दिव्यांग होने पर रू0 74000 से रू ढाई लाख रूपये मिलेगा, मकान की क्षति होने पर 4 हजार रू0 से 1.2 लाख रू0 मिलेगा, पषु की मृत्यु होने पर 4 हजार से 37500 रू0 मिलेगा, ऐसी आपदाओं से सम्बन्धित कोई जानकारी राहत आपदा कंट्रोल रूम के नम्बर 1070 पर पाई जा सकती है।