जिलाधिकारी रमेश रंजन के निर्देशन में मुख्य विकास अधिकारी शत्रुघ्न वैश्य की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में लघु सिंचाई विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के अंतर्गत उथले नलकूप, मध्यम गहरे नलकूप, गहरे नलकूप, उथले नलकूपों पर पम्पसेट, वॉटर टैंक व जल वितरण प्रणाली की स्थापना एवं 5 वर्ष से अधिक पूर्व निर्मित चेकडैम का मरम्मत कार्य एवं वर्षा जल संभरण तथा रिचार्र्गे की महत्ता के दृष्टिगत रूफटाॅप रैन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना के द्वारा कराए गए कार्यों के बारे में गहनता से जानकारी प्राप्त की। मुख्य विकास अधिकारी ने लघु एवं सीमांत कृषकों के द्वारा नलकूप लगाए जाने हेतु दिए गए आवेदन पत्रों के संबंध में निर्देष दिए कि पात्र किसानों को अनुदान दिलाए जाए एवं उनके आवेदन पत्र स्वीकृत करने कोे कहा। बैठक के दौरान अधिशासी अभियंता, लघु सिंचाई ने बताया कि मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना अंतर्गत 5 से अधिक वर्ष पूर्व निर्मित चेकडैम के मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने चेकडैम का उद्देश्य बताते हुए कहा कि चेकडैम निर्माण किए जाने से नदियों में लगभग 2 किलोमीटर तक जलभराव रहता है, जिससे दोनों तटों के लघु सीमांत व अन्य कृषकों द्वारा बहुस्तरीय पंपसेट लगाकर सिंचाई की जा सके, जिससे कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी। साथ ही साथ कई महीनो तक जल संचयन की स्थिति रहने से संबंधित क्षेत्र में भूजल स्तर भी उठेगा।
बैठक में उन्होंने बताया कि गिरते भूजल को रोकने हेतु वर्ष का जल संभरण कर पानी की उपलब्धता बढ़ाने का एक सुलभ एवं पर्यावरण के अनुकूल विधि, भवनों की छत के ऊपर प्राप्त वर्ष का जल संचयन हेतु सरकारी एवं अर्ध सरकारी भवनों की सूची वाटर हार्वेस्टिंग योजना के अंतर्गत एक सप्ताह के अंदर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। बैठक में अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई, सहायक अभियंता एवं अवर अभियंतागण उपस्थित रहें।