मौसम विभाग लखनऊ ने प्रदेश के कतिपय जिलो में वर्षा/अतिवृष्टि की सम्भावना व्यक्त किया है। इन चयनित जिलो में जनपद फिरोजाबाद भी एलो जोन में है, जैसा कि सूच्य है कि जनपद में वर्षा के साथ वज्रपात (लाइटनिंग) हो रही है। अतः वज्रपात से बचाव के संबंध में “क्या करें, क्या न करें” एडवाइजरी को सोशल मीडिया, प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से निःशुल्क प्रचार-प्रसार कराया जाना है, जिसका विवरण निम्नवत् हैः-

वज्रपात से बचाव हेतु एडवाइजरी

आंधी-तूफान और भारी वर्षा के दौरान ऊँची इमारतों, पेड़ों, मनुष्यों, जानवरों आदि पर बिजली गिरने की घटनाएँ होती रहती हैं, जिससे जान-माल का नुक्सान होता है। सावधानी और तैयारी ही एकमात्र तरीका है जिसके द्वारा वज्रपात के खतरे को कम किया जा सकता है या उसके प्रभाव से बचा जा सकता है।

वज्रपात जोखिम वाले क्षेत्र

शहरी एवं उप शहरी क्षेत्र

बिना तड़ित चालक के उँची इमारतें असुरक्षित।

संचार टावरों का भूमि पर अच्छी तरह विद्युत सम्पर्क स्थापित (Earthing) नहीं किया जाना असुरक्षित।

* पेड़ असुरक्षित।

* तालाब/झील/पानी से भरे क्षेत्र असुरक्षित।

ग्रामीण क्षेत्र (अत्यधिक जोखिम वाले)

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कच्चे मकान जिसमें धातु के कुछ भाग निकले हुए हों- असुरक्षित।

बिना तड़ित चालक वाले सभी भवन असुरक्षित।

पेड़ – असुरक्षित।

पानी भरे हुए खेत असुरक्षित।

* तालाब/झील/पानी से भरे क्षेत्र असुरक्षित।

तैयारी और प्रत्युत्तर

वज्रपात से पहले

परिवार, समुदाय, बच्चों आदि के साथ वज्रपात और उसके प्रभाव पर चर्चा करें।

स्थानीय मौसम पर नजर रखें और रेडियो/टीवी सुनें।

घर के पास लगे पेड़ो की छटाई करें।

ऊँची इमारतों पर तड़ित चालक यंत्र स्थापित करें।

प्रशासन की ओर से जारी चेतावनी को नजरअंदाज न करें।

बिजली गिरने की संभावना होने पर क्या करें-

बाहर जाने से बचे।

30-30 नियम को याद रखे बिजली देखने के बाद, 30 तक गिनना शुरू करें। यदि आपके 30 तक पहुँचने से पहले गड़गड़ाहट सुनाई दे तो तत्काल घर के अंदर जाएँ। गड़गड़ाहट की आखिरी आवाज़ के बाद कम से कम 30 मिनट के लिए बाहरी गतिविधियों को स्थगित करें।

जितना जल्दी हो सके उतनी जल्दी पक्की छत के नीचे शरण लें।

बिजली चमकने/आंधी आने पर पेड़ के नीचे से हट जायें।

बिजली गिरने के दौरान किसान कभी खुले मैदान या खेत में न खड़े हों। कोशिश करें कि किसी सुरक्षित पक्की छत के नीचे पहुँच जाएँ।

तालाब, नदी तट, आदि जैसे जल निकायों से दूर रहें।

यदि समूह में हैं तो दूर-दूर रहें। यदि आप खुली जगह में हैं तो, अपने शरीर को उंकडू कर एड़ियों को सटा कर कान बंद कर बैठ जायें।

* यदि आप किसी वाहन में सफर कर रहे हैं तो अपने वाहन में ही रहें।

. जिनके पास स्मार्ट मोबाइल फोन है वे सभी दामिनी एप डाऊनलोड करें व उससे प्राप्त सूचनाओं का पालन करें और अपने आस-पास के लोगों तक पहुंचाएँ।

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ऊँचे क्षेत्रों जैसे पहाड़ियों और घोटियों से तुरंत उतर जाएं। आश्रय के लिए कभी भी चट्टान का उपयोग न करें, किसी पेड़ के नीचे आश्रय न लें।

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