प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव, उत्तर प्रदेश, लखनऊ से प्राप्त निर्देश के क्रम में सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में दिनांक 20 व 21.06.2024 को ग्रीष्मकालीन सारस गणना कार्य किया गया है।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के अन्तर्गत सारस पक्षी को Sarus Crane ¼Grus Antigone) कहा जाता है। 01 जुलाई 2014 को सारस पक्षी को राज्य पक्षी घोषित किया गया था। सारस को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची 3 के तहत संरक्षित किया गया है जो व्यक्तियों को इसे रखने या खिलाने से रोकता है। इस वर्ष दिनांक 20 व 21 जून 2024 को हुई ग्रीष्म कालीन सारस गणना में सर्वाधिक कुल 232 सारसों को मुख्य रूप से धान के खेतों, तालाबों व दलदली जलभराव वाले क्षेत्रों में स्वच्छन्द विचरण करते हुए सामान्यतः देखा गया।
सारस क्रेन प्रजाति उत्तर प्रदेश राज्य पक्षी देश के उत्तरी व उत्तर-पश्चिमी तराई क्षेत्रों में गंगा नदी के मैदानों में पाई जाती है। सारस क्रेन को पवित्र माना जाता है। इस पक्षी को बिन शर्त प्यार, भक्ति व सौभाग्य के शाश्वत प्रतीक के रूप में भी जाना जाता है। सारस पक्षी की औसत आयु 15 से 18 साल होती है।