श्रीमान अपर पुलिस महानिदेशक महोदय आगरा जोन, आगरा द्वारा जोन स्तर पर प्रारम्भ किये गये अभियान “ऑपरेशन जागृति” के क्रम में आज दिनांक 22.02.2024 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक फिरोजाबाद के निर्देशन में फिरोजाबाद पुलिस टीम एवं यूनिसेफ टीम के द्वारा कार्यक्रम आयोजित कर बालिकाएँ, महिलाओं, छात्र / छात्राओं, शिक्षक / शिक्षिकाओं एवं अन्य संभ्रांत व्यक्तियों को ऑपरेशन जागृति के प्रमुख उद्देश्यों से सभी को अवगत कराते हुए जागरुक किया गया –

ऑपरेशन जागृति के प्रमुख उद्देशयः-

▪️ युवा बालिकाओं को साइबर हिंसा के बारे में जागरुक व सचेत करना ।

▪️ पाक्सो अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों के प्रति जागरुक व सचेत करना ।

▪️ किशोरियों के साथ स्वस्थ रिलेशनशिप व जीवनशैली पर जागरुक करना ।

▪️ महिलाओं व बालिकाओं को अपने अधिकारों व सुरक्षा के बारे में समझ व जागरुकता पैदा करना ।

▪️ समुदाय को झूठे मुकदमों से होने वाली क्षति के बारे में जागरुक करना एवं ऐसे मामलों में कमी लाना । विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा हेतु बनाये गये कानूनों का दुरुपयोग के प्रति लोगों को सचेत करना ।

प्रशिक्षित पुलिस / प्रशासन एवं अन्य विभागों की टीम द्वारा ग्राम-ग्राम जाकर महिलाओं और बालिकाओं को उनके अधिकारों तथा पीडित महिलाओं/ किशोरियों की काउंसलिंग व रेफरल सुविधा भी उपलब्ध करायी जा रही है साथ ही सोशल मीडिया एवं साइबर अपराध सम्बन्धी आवश्यक जानकारी भी प्रदान की जा रही है ।

आपरेशन जागृति के प्रमुख मुद्दे –
1. False F.I.R – यहां फर्जी एफआईआर से मतलब है कि जो लोग अपने जमीनी विवाद, चुनावी रंजिश आदि को लेकर परिवार की महिला और बेटी को आगे करके, विपक्षी पर अनावश्यक दबाव बनाने हेतु थाने में जाकर झूठी एफआईआर दर्ज कराते हैं। जैसे सामान्यतः गांव में यदि दो पक्षों में मकान, दुकान, खेत अर्थात भूमि के बंटवारे का विवाद है। लेकिन लोग सोचते हैं कि अगर महिला की तरफ से मुकदमा लिखवा दिया जाएगा तो पुलिस द्वारा ज्यादा अच्छी और प्रभावी कार्यवाही की जाएगी। इसलिए कुछ लोग विपक्षी पर अनावश्यक दबाव बनाने हेतु थाने में जाकर, महिला को आगे करके, झूठी एफआईआर दर्ज कराते हैं। जिसका बुरा प्रभाव पड़ता है तथा निर्दोष व्यक्ति के जीवन पर भी बुरा असर पड़ता है और रंजिश बढ़ती चली जाती है। तो हमें इस प्रकार के कामों से बचाना है ।

ऐसे में हमें उन महिलाओं / बालिकाओं की काउंसलिंग करनी है और उनको ट्रामा से बाहर निकलना है । ट्रॉमा थेरेपी का लक्ष्य किसी को दर्दनाक घटना से जुड़ी भावनाओं और भावनाओं को संसाधित करने में मदद करना है और इसे अपने दैनिक जीवन जीने के तरीके में बाधा नहीं बनने देना है । हमें पीड़िताओं की लीगल हेल्प करनी है । पीड़िताओं की काउंसलिंग के लिए डॉक्टर, साइकोलॉजिस्ट, पुलिस आदि शामिल होते हैं जिनके द्वारा काउंसलिंग की जाती है ।

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