प्रकाश नॉर्थ भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के एक प्रतिनिधि मंडल ने जिला मुख्यालय पहुंचकर जिलाधिकारी फिरोजाबाद को एक ज्ञापन प्रस्तुत किया है जिसमें कहा गया है कि भारत की संविधान सभा 1948 में आजाद भारत का पहला बिजली कानून बनाया जिसकी विशेषता थी की बिजली सामाजिक जरूरत है और हर व्यक्ति के लिए बिजली क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी नहीं होगी। बिजली पर कोई एक पैसा मुनाफा नहीं कमा सकता बिजली को बिना लाभ और बिना नानी के और बेची जाए परंतु पिछली सरकारों ने कानून बनाकर व्यापार बना दिया मौजूदा सरकार 2022 लाकर मोदी सरकार बिजली कंपनियों को देसी और विदेशी पूजा पतियों के हवाले करने का प्रस्ताव संसद में पेश किया इसके लागू होने पर किसान कुटीर उद्योग बुनकरों कर्मचारी मजदूर वह अन्य बिजली उपभोक्ताओं पर जबरदस्त आक्रमण है जो राष्ट्रीय द्रोही कार्य है भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी वि देयक 2022 का विरोध करते हुए मांग करती है नंबर एक बिजली के निजीकरण पर रोक लगाओ नंबर दो बिजली में सरकारी निवेश बढ़ाओ नंबर 3 राज्य बिजली बोर्ड को चालू करो नंबर चार कर्मचारियों की स्थाई भर्ती करो और उनका दमन बंद करो नंबर पांच किसानों के नलकूपों पर मीटर लगाना बंद करो नंबर 6 फ्लैट रेट की सस्ती बिजली जारी करो नंबर 7 प्रीपेड और स्मार्ट मीटर लगाना बंद करो नंबर 8 किसानों एवं बुनकरों कुटीर उद्योग धंधा और गरीबों को गरीबों को मुफ्त बिजली दो ज्ञापन प्रस्तुत करने वालों में कामरेड भूरी सिंह यादव कामरेड सोनेश कुमार चक कामरेड राम भाई कामरेड प्रभु दयाल प्रजापति और कामरेड नवल सिंह एडवोकेट प्रमुख रूप से सम्मिलित थे भवदीय कामरेड भूरी सिंह यादव जिला मंत्री सीपीएम जनपद फिरोजाबाद

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