जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक मंे जिलाधिकारी ने दिखाई सख्ती, स्वास्थ्य सेवाओं मेें खराब प्रगति वाले एमओआईसी, सीएचओ व एएनएम सहित कईयोें का रोका वेतन, सुधार की दी चेतवानी।

आशाओं को तीन हजार रू0 मिलने वालें मानदेय के सापेक्ष विभिन्न कार्यक्रमों का इंसेंटिव जोडते हुए कम से कम छः हजार रूपये प्रतिमाह दिया जाए मानदेय-डीएम उज्ज्वल कुमार

जिलाधिकारी डा0 उज्ज्वल कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत जिला स्वास्थ्य समिति व जिला क्वालिटी एश्योरेन्स समिति, कायाकल्प की मासिक समीक्षा बैठक कलेक्ट्रैट सभागार में आयोजित की गई, जिसमे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की प्रोजेक्टर के माध्यम से एक-एक कर समीक्षा की गई। बैठक में समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को कडे़ निर्देश दिए कि वह स्वास्थ्य सेवाओं में और अधिक सुधार करें और इसका सीधा लाभ जनता को दें। उन्होने प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि टीकाकरण एवं संस्थागत प्रसव कार्यक्रम को शत-प्रतिशत किए जाए कोई भी बच्चा निर्धारित लगने वाले टीकों से वंचित नहीं रहने पाए। एमओआईसी अपने क्षेत्र अंतर्गत जाकर रैंडम जाकर जांच करें कि आशा व एएनएम बच्चों के घर गईं भी है या नहीं सभी बच्चों को टीका लगा है या नहीं। उन्होेने सभी को स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी प्रसव घर पर नहीं हो यह सुनिश्चित किया जाए इसके लिए सभी एमओआईसी जहां आवश्यकता है वहां पर दो-दो डिलीवरी पोइंट बडाए और उनको क्रियाशील कराऐं। इसके साथ ही अपने डिलिवरी केेन्द्रांे को साफ-सुथरे व सुसज्ज्ति बनाऐं, उनकी रंगाई-पुताई कराकर सभी आवश्यक अवस्थापना सुविधाऐं मुहैया कराऐं। उन्होने निर्देश दिए कि क्षेत्र में शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव के लिए एएनएम को डिलिवरी कराने के लिए प्रशिक्षित करें और हाईरिस्क पे्रग्नेन्सी के लिए एक एसओपी बनाई जाए।
बैठक के दौरान उन्होने सरकार द्वारा चलाए जा रहेेें स्वास्थ्य कार्यक्रमांे की समीक्षा के दौरान पाया कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अन्तिम पायदान पर तैनात आशा कार्यकत्री का मानदेय मात्र तीन हजार रू0 ही दिया जा रहा है, जिस पर उन्होने नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि आशाओं को तीन हजार रू0 मिलने वालें मानदेय के सापेक्ष विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों का इंस्टेटिव जोड़ते हुए कम से कम छः हजार रूपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाए, जिससे वह उत्साहपूर्वक व पूरे मनोयोग से अपना कार्ये करें। उन्होने सभी प्रभारी चिक्त्सिाधिकारियोें को निर्देश दिए कि स्वास्थ्य से जुडी सभी योजनाओं व कार्यक्रमों का आई ई सी गतिविधियों के द्वारा लोगों में जनजागरूकता एवं व्यापक प्रचार प्रसार कराया जाए। उन्होने यह भी निर्देश दिए कि जनपद के सभी पीएचसी व सीएससी अच्छे किए जाए, उनकी रंगाई पुताई साज-सज्जा अवस्थापन सुविधाऐं, फर्नीचर बैठने आदि की सुविधाऐं उपलब्ध कराई जाए। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान अपर मुख्य चिकित्साधिकारी क्षय रोग ने बताया है कि 700 टीवी के मरीजों को खोजा गया है, और उनका विधिवत इलाज किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि क्षय रोग के मरीजों को उनके पौष्टिक भोजन के लिए मिलने वाली धनराशि प्रतिमाह उनके बैंक खातों में पहुंच जानी चाहिए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन, मुख्य चिकित्साधिकारी नरेन्द्र कुमार, मुख्य चिकित्साधीक्षक श्याम मोहन गुप्ता, जिला प्रबन्धक आलम समस्त अधीक्षक व प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, समस्त ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक सहित समस्त जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

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