आज रविवारको नवरात्रि के शुभ अवसर पर जिला कारागार फिरोजाबाद में विराट कवि सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष आचार्य हरिओम शर्मा, मुख्य अतिथि एफ.एम. ग्रुप के चैयरमैन अभिषेक मिततल ‘चंचल’, अधीक्षक ए0के0 सिंह, जेलर आनन्द सिंह, विशिष्ट अतिथि रवीन्द्र लाल तिवारी द्वारा माँ सरस्वती देवी की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलित व माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम के संचालक मंजुल मंयक द्वारा कवियों को कविता सुनाने हेतु आमंत्रित किया गया। कवि कलम ‘नूरी’ फिरोजाबाद द्वारा “मुहब्बत का दिया हर मोड़ पर हम को जलाना है, ये दीपक ऐसा है जिसका उजाला कम नहीं होता” पंक्ति सुनाकर प्रेम का संदेश दिया। इसी क्रम में कवि जीरो बांदवी बांदा द्वारा “आग बहते हुए पानी में लगा सकता हूँ, चांद तेरे वास्ते ला सकता हूँ, मेरे महबूब अगर बात ना मानी मेरी, मैं अकेला ही हनीमून को जा को जा सकता हूँ” व कवि डा० अंगद धारिया आगरा गीतकार व संगीतकार द्वारा “जिंदगी को छोड़ भाग दौड़ में लगे, रात दिन घटाव, गुणा जोड़ में लगे, आंख ढाई खो दिये, कबीर के ये म्यें, खुद को मूल दूसरों की होड़ में लगे” व कवित्री सीमा पुण्डीर ( एटा) द्वारा “जहां राधिका से मिले सांवरे हैं, वहां बंधनों से अलग दायरे हैं, मिटाने को जो थी चलें प्रीति सांचि, कई एक उधव हुए बावरे हैं” एवं कवि पंकज टूटपड़े फिरोजाबाद द्वारा “थाने जा रिपोर्ट लिखा तेरे पूरे होंगे इरादे, भैंस का मालिक अपनी जगह आजम खां लिखवा दें” व कवि देवेन्द्र दीक्षित शूल सिकन्दराराऊ हाथरस द्वारा “सबसे बड़ी दफा रफा-दफा, जहां कनून भी हो जाता है सफा, उसे कहते हैं दारूल सफा, मां बाप की दुआ सबसे बड़ी दवा” जैसी कविताएं सुनाई। जिन्हें सुनकर कारागार में निरूद्ध बंदीगण प्रफुल्लित हुए। इस अवसर पर उपजेलर नीरज सिंह, ए0के0 सिंह, क्षमा शर्मा, विजेन्द्र गिरी, अशोक दीक्षित, शिक्षाध्यापक आदेश अग्रवाल तथा बाहर से आये अन्य अतिथि सलीग धमो, शोभित भारद्वाज, आकाश गुप्ता, जौनी शर्मा, एम.के. निडर भी उपस्थित रहे।

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