उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के अनुपालन में मा0 जनपद न्यायाधीश, अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरवीर सिंह के निर्देशानुसार आज गुरूवार को जनपद न्यायालय के ए०डी०आर० भवन पर विश्व एड्स दिवस के अवसर पर विधिक साक्षरता, जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राधिकरण की सचिव, मिनाक्षी सिन्हा द्वारा की गयी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव मिनाक्षी सिन्हा ने बताया कि दुनियाभर में हर साल एचआईवी एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 1 दिसंबर को एड्स दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य एचआईवी संक्रमण की वजह से होने वाली महामारी एड्स के बारे में हर उम्र के लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी की वजह से शरीर सामान्य बीमारियों से लड़ने में अक्षम होता है। इस दौरान उन्होंने उपस्थित कर्मचारीगण, वादकारियों को कहा कि एचआईवी से ग्रसित बच्चों के प्रति आत्मीयता रखें और उनके साथ मधुर व्यवहार रखे। उन्होंने वाद कारियों से चर्चा करते हुए एड्स के बारे में भ्रांतियों जैसे खांसी, भोजन, स्पर्श से एड्स होना गलत बताया। इन आधारों पर एड्स रोगी के साथ में भेदभाव किया जाना अमानवीय है।
कार्यक्रम के दौरान सचिव ने एचआईवी एवं एड्स मे अंतर, टीबी रोग एवं कोरोना संक्रमण के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एचआईवी से ग्रसित व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण टीबी एवं अन्य अवसरवादी संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है। इन संक्रमण से बचाव के लिए नियमित एआरटी का सेवन, स्वच्छ एवं पोष्टिक आहार एवं नियमित योग एव व्यायाम अनिवार्य है। स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष दिनेश कुमार शर्मा द्वारा बताया गया कि जागरूकता के हथियार से ही एड्स की रफ्तार को रोक कर लोगों को संक्रमण से बचा सकते हैं। इस दौरान उन्होंने एड्स के फैलने के कारण और बचाव की जानकारी दी। इसके अतिरिक्त स्थायी लोक अदालत के बारे में बताया कि जनउपयोगी सेवाओं से सम्बन्धित वादों को स्थायी लोक अदालत के न्यायालय में दायर कर सुलह समझौते से निस्तारण कराया जा सकता है। इस अवसर पर नामिका अधिक्ता लियाकत अली द्वारा भी विश्व एड्स दिवस पर बताया गया।

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