फिरोजाबाद। जनपद न्यायाधीश अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरवीर सिंह की अध्यक्षता में जनपद न्यायालय प्रांगण में हिन्दी दिवस का आयोजन किया गया।
जनपद न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने कहा कि 14 सितंबर को हिंदी के महान साहित्यकार व्यौहार राजेंद्र सिंह का जन्मदिन भी है। इसलिए इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है, हिंदी को विशेष दर्जा दिलवाने में गोविंद दस हजारी प्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर और मैथिलीशरण गुप्त का अहम योगदान रहा है। साल 1918 में महात्मा गांधी ने एक हिंदी साहित्य सम्मेलन के दौरान हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कहा था। हिंदी का नाम फारसी शब्द ‘हिंद‘ से लिया गया है, जिसका अर्थ है सिंधु नदी की भूमि फारसी बोलने वाले तुर्क जिन्होंने गंगा के मैदान और पंजाब पर आक्रमण किया, 11 वीं शताब्दी की शुरुआत में सिंधु नदी के किनारे बोली जाने वाली भाषा को ‘हिंदी‘ नाम दिया था। कार्यक्रम का संचालन अवधेश पाण्डेय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पोक्सो कोर्ट सं. 2 ने किया। इस अवसर पर मिनाक्षी सिन्हा सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने कहा कि हिंदी भाषा में सभी भावों को भरने की अद्भुत क्षमता है, यही कारण है कि हिंदी को भारत की जननी भाषा कहा जाता है। भारतीय संस्कृति में हिंदी को मातृ भाषा का दर्जा दिया गया है। यह महज भाषा नहीं बल्कि भारतीयों को एकता व अखंडता के सूत्र में पिरोती है। हिंदी को मन की भाषा कहा जाता है, जो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी, संसद से लेकर सड़कों तक और साहित्य से लेकर सिनेमा तक हर जगह संवाद का सबसे बड़ा पुल बनकर सामने आती है। इस अवसर पर राजमंगल सिंह यादव, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, फिरोजाबाद, प्रज्ञा पाराशर, द्वितीय अपर सिविल जज जू.डि., शिकोहाबाद, फिरोजाबाद, रवीन्द्र कुमार, नोडल अधिकारी/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं. 11, फिरोजाबाद, जितेन्द्र सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं. 9, फिरोजाबाद एवं इफराक अहमद, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट सं. 2 फिरोजाबाद द्वारा अपने-अपने विचार व्यक्त किये गये। कार्यक्रम में समस्त न्यायिक अधिकारीगण, समस्त कर्मचारीगण एवं अधिवक्तागण मौजूद रहें।

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