मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में निपुण भारत व ऑपरेशन कायाकल्प की बैठक हुई सम्पन्न, शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने व विद्यालयों मंे बच्चों की अधिक उपस्थिति बढाने पर दिया जोर।
जिलाधिकारी रवि रंजन के निर्देशन में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन की अध्यक्षता में बुधवार को कलैक्ट्रेट सभागार में बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यों एवं निपुण भारत कार्यक्रम के जनपद में प्रभावी क्रियान्वयन के सम्बन्ध में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने निपुण भारत कार्यक्रम को जनपद में प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला बेसिक शिक्षाधिकारी, सभी खण्ड शिक्षाधिकारी को निर्देश दिए कि वह पूरे मनोयोग से कार्य कर निपुण भारत मिशन के दिए गए उददेश्य व लक्ष्य को प्राप्त करें। बैठक के दौरान उन्होने स्कूल चलो अभियान-2022 के अंतर्गत नवीन नामांकन की प्रगति के बारे में जाना और सभी खण्ड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिए कि विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति को बढाने पर जोर दिया जाए। उन्होने स्पष्ट कहा कि स्कूल जाने से कोई बच्चा छूटने नही पाए, इसके लिए बच्चों के अभिभावकों से समन्वय स्थापित करें और उन्हे अधिक से अधिक दिवसों में बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित करें। उन्होने कडे़ शब्दों में कहा कि यदि किसी विद्यालय में मीनू के अनुसार एमडीएम मध्यान्ह भोजन नही बनने की सूचना प्राप्त होने पर उसकी तत्काल जांच कराकर सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यांे की एक-एक कर बिन्दुवार समीक्षा करते हुए, ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत विद्यालयों में 19 पैरामीटर्स के संतृप्तीकरण की प्रगति के बारे में जाना और जहां पर अभी भी दिए गए पैरामीटर्स के सापेक्ष कार्य छुटे हुए है, वहां पर जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिए कि वह ग्राम पंचायत से उन कामों को प्राथमिकता से पूरा कराऐं। उन्होने स्पष्ट निर्देश दिए कि जो ग्राम प्रधान ऑपरेशन कायाकल्प के कार्य कराने में रूचि नही लेंगे, उनके विरूद्ध नोटिस जारी कर कार्यवाही भी की जाएगी। उन्होने जिला स्तरीय टास्क फोर्स एवं ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा जिन अधिकारियों को परिषदीय विद्यालयों के निरीक्षण करने के लक्ष्य दिए गए है वह सभी अधिकारी विद्यालयांे का निरीक्षण कर निरीक्षण आख्या बीएसए कार्यालय को समय से उपलब्ध कराऐं। समीक्षा बैठक के दौरान जिला बेसिक शिक्षाधिकारी अंजली अग्रवाल ने निपुण भारत के बारें में विस्तार से बताया कि शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वर्ष 2026-27 तक प्राथमिक कक्षाओं मेें सार्वभौमिक मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान प्राप्त करने तथा कक्षा 3 तक सभी बच्चों में पढ़ने लिखने और संख्या ज्ञान में ग्रेड स्तर की अपेक्षित योग्यता प्राप्त करने के उद्देश्य से ‘‘राष्ट्रीय मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन‘‘ निपुण भारत मिशन प्रारंभ किया गया है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा निपुण भारत के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पूर्व से संचालित मिशन प्रेरणा के संबंध में जारी निर्देशों के क्रम में अपना विजन उन्होने स्पष्ट बताया। उन्होने कहा कि 3 से 9 वर्ष की आयु के बच्चों की अधिगम आवश्यकताओं, अधिगम अंतराल और इसके संभावित कारणों की पहचान करना और स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न कार्य नीतियों की पहल करना है। उन्होने यह भी बताया कि प्री-स्कूल एवं कक्षा-1 के बीच संबंध स्थापित करने और सुचारू कक्षा अंतरण के उद्देश्य से एनसीईआरटी द्वारा तैयार किए गए ईसीसी पाठ्य चर्चा फ्रेमवर्क को आंगनबाड़ी ऑफ प्री प्राइमरी स्कूल दोनों द्वारा अपनाया जाना है ताकि कक्षा एक में सुचारू कक्षा अंतरण सुनिश्चित किया जा सके। उन्होने निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि निपुण भारत मिशन के अंतर्गत वर्ष 2026-27 तक बाल वाटिका से कक्षा 3 के शत-प्रतिशत बच्चों में मूलभूत साक्षरता एवं संख्या ज्ञान का लक्ष्य प्राप्त किया जाना है। उन्होने बताया कि दिए गए निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप किसी भी विद्यालयों के शत-प्रतिशत बच्चों द्वारा ग्रेड कम्पीटेेेंसी हासिल किए जाने के उपरांत विद्यालय को प्रेरक विद्यालय घोषित किया जाएगा। बैठक के दौरान जिला विकास अधिकारी महेन्द्र प्रताप यादव, जिला पंचायत राज अधिकारी नीरज सिन्हा, जिला सूचना अधिकारी दयाशंकर, परियोजना अधिकारी सहित सभी खण्ड शिक्षाधिकारी व एडीओ पंचायत आदि उपस्थित रहें।