उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुजेहना में स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही के चलते एक नवजात के शव का सिर जंगली जानवर ने निवाला बना लिया। प्रसूता के परिजनों को इसकी जानकारी सुबह हुई। नवजात के शव की दशा को देखकर परिजनों ने जब कड़ी आपत्ति की तो स्वास्थ्य कर्मचारियों ने शव देकर उन्हें भगा दिया। नाराज परिजनों ने स्वास्थ्य केंद्र पर काफी देर तक हंगामा काटा।
प्रसूता के भाई मोहम्मद हारून ने बताया कि मैंने अपनी बहन को डिलीवरी के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुजेहना में भर्ती कराया था। शनिवार देर रात में उसे बच्चा पैदा हुआ, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि वार्ड में रहने दो ऑक्सीजन लगा दिया गया है। यदि सांस वापस नहीं लौटी, तब ले जाना। इतना बताने के बाद वह लोग सोने चले गए। इसी बीच बच्चे का पूरा चेहरा कोई जंगली जानवर खा गया। उसने बताया कि बच्चे का शव डिलीवरी वार्ड में था और मुझे नहीं दिया गया था। सुबह जब हम लोग अंदर देखने गए तो वहां कोई भी स्टाफ मौजूद नहीं था। बच्चे का पूरा चेहरा किसी जंगली जानवर ने खा लिया था। कहा कि हमने थाने और मैडम से शिकायत की। इसमें कर्मचारियों की घोर लापरवाही है। इसमें कार्रवाई होनी चाहिए।
इस संबंध में थानाध्यक्ष धानेपुर संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि शिकायती पत्र मिला है। जांच की जा रही है। नवजात के शव को कब्जे में लेकर पंचनामा के बाद पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
डीएम ने कमेटी गठित कर जांच का आदेश दिया
वहीं, जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए मामले में कमेटी गठित कर जांच का आदेश दिया है। कमेटी में मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा को नामित किया गया है। टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है, जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। इसी बीच मामले की गंभीरता को भांप डीएम उज्जवल कुमार खुद मौके पर पंहुचे और उन्होंने भी मामले के बारे में जानकारी हासिल की है।