उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए। इसके साथ ही प्रत्येक जनपद में लगने वाले मेलों और महोत्सवों का टूरिष्ट कैलेण्डर मौसम के हिसाब से तैयार किया जाए। इसके अलावा पर्यटन स्थलों के आसपास के गांवों में पर्यटकों को होम स्टे के लिए घरों को चिन्हित करके प्रशिक्षण दिया जाए।
श्री जयवीर सिंह गत दिवस पर्यटन निदेशालय में विभागीय कार्ययोजना, पर्यटन नीति, जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के गठन, ब्राण्डिंग एवं प्रमोशन आदि की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अर्थगंगा के तहत गंगा नदी के किनारे स्थित पर्यटन स्थलों के विकास के लिए शिल्प ग्राम, घाट पर हाट एवं संध्या आरती आदि कराये जाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए।
पर्यटन मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि विभाग द्वारा तैयार की गई टूरिज्म पॉलिसी के अंतर्गत दी जाने वाले इन्सेन्टिव से समस्त स्टेक होल्डर को अवगत कराने के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया जाए। इसके अलावा घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले ट्रेवलमार्ट में विभागीय उपस्थित सुनिश्चित करायी जाए। इसके अतिरिक्त विभाग के अधिकारियों को विभिन्न प्रदेशों में प्रचलित बेस्ट प्रेक्टिसेस की जानकारी प्राप्त करने के लिए भ्रमण पर भेजा जाए।
श्री जयवीर सिंह ने यह भी निर्देश दिए कि प्रदेश के कला, शिल्प, संस्कृति तथा व्यंजन जो विलुप्त के कगार पर हैं। उनको प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय स्तर पर विभिन्न गतिविधियां संचालित की जाएं। इसके अलावा विभाग द्वारा तैयार की गई 100 दिन, छः माह, दो वर्ष एवं पांच वर्ष की कार्ययोजना एवं लक्ष्यों को समयबद्ध ढंग से प्राप्त करने के लिए तेजी से कार्यवाही की जाए। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव एवं महानिदेशक पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम, संयुक्त निदेशक पर्यटन एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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