नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा ने प्रवक्ताओं के लबों पर ताला डाल दिया गया है. कानपुर हिंसा मामले के विषय में अब प्रवक्ता चैनल और अखबारों को कोई जानकारी नहीं देंगे.

लखनऊ:
नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद भाजपा ने प्रवक्ताओं के लबों पर ताला डाल दिया है. कानपुर हिंसा पर मीडिया में कोई भी बयान देने पर रोक लगा दी गई है. चैनल और अखबारों पर इस विषय में अब प्रवक्ता कोई जानकारी नहीं देंगे

भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि पार्टी प्रवक्ता टीवी डिबेट और मीडिया में क्या बयान देंगे. यह पार्टी तय करेगी. हर दिन के मुद्दे पर चर्चा होगी. पार्टी इस पर आधिकारिक पक्ष रखने के लिए एक लाइन तय करेगी. फिर सभी प्रवक्ताओं को उनके व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर कर दिया जाएगा. सभी प्रवक्ताओं को वही बयान मीडिया डिबेट या बाकी प्लेटफॉर्म पर देना होगा.पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने वाले नूपुर शर्मा और नवीन कुमार पर कार्रवाई के बाद भाजपा एक्शन में दिख रही है. यूपी में भाजपा ने अपने सभी पार्टी प्रवक्ताओं को कानपुर हिंसा मामले में बयान देने पर रोक लगा दी है. साथ ही धार्मिक मुद्दों पर बयान देने से पहले पार्टी लाइन तय की जाएगी. कोई भी प्रवक्ता पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयान नहीं देगा.

कानपुर हिंसा पर बोलने से बचेंगे पार्टी प्रवक्ताः पार्टी ने तय किया है कि अब कोई भी प्रवक्ता कानपुर हिंसा मामले पर बयान नहीं देगा. इस मुद्दे पर होने वाले टीवी डिबेट में हिस्सा नहीं लेगा. इसके साथ ही हिंदू-मुस्लिम, ज्ञानवापी जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी पार्टी लाइन में रहकर बोलना है.

यही नहीं पार्टी ने तय किया है कि पार्टी का कोई भी नेता धार्मिक मान्यताओं को आहत करने वाले पोस्ट शेयर नहीं करेगा. अपने सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफॉर्म पर इस तरह की बातें नहीं लिखेगा, जिससे किसी भी समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हों. इतना ही नहीं पार्टी ने यूपी के ऐसे नेताओं की पहचान भी की है जो अक्सर अपने हेट स्पीच के लिए चर्चाओं में रहते हैं. ऐसे नेताओं के बयान पर भी पाबंदी रहेगी.

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