फिरोजाबाद। जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार की अध्यक्षता में शनिवार को बाल संरक्षण समिति व बाल विवाह रोकथाम हेतु बैठक आयोजित की गयी। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने बाल विवाह की रोकथाम हेतु जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए।
उन्होने बताया कि जनपद में कोई भी बाल विवाह नहीं होना चाहिए। इसके लिए सभी को बाल विवाह सम्बन्धित वैधानिक जानकारी होनी चाहिए। उन्होने निर्देश दिए कि माता-पिता के साथ बाल विवाह कराने वाले पंडित भी जेल जाएंगे। उन्होने कहा कि बाल विवाह कराने लोगों के विरूद्ध दो वर्ष का कठोर कारावास के साथ एक लाख रूपए तक का अर्थ दण्ड भी है। उन्होने सख्त निर्देश दिए कि बाल विवाह होने पर उस क्षेत्र के लेखपाल, चैकीदार, बीट कांस्टेबल के विरुद्ध वैधानिक व विभागीय कार्यवाही होगी। साथ ही कहा कि जिन बच्चों के परिवार व उनके माता-पिता नहीं है, उनके संरक्षण के लिए सामूहिक रूप से आगे बढ़कर समाज जिम्मेदारी लें और बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए समाज को जो भी करना हो वह उन बच्चों के लिए आगे बढकर करें।
बैठक के दौरान जिला प्रोवेशन अधिकारी सीामा मौर्या ने बताया कि भारत सरकार द्वारा देश में बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम हेतु ‘‘बाल विवाह प्रतिशेध अधिनियम, 2006 लागू किया गया है। इस विशेष अधिनियम के अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका एवं 21 वर्ष से कम उम्र के बालक का विवाह करना या रचाना एक संगीन और गैर जमानती अपराध घोषित किया गया है। बैठक के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी, मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़, समाज सेवी संस्थाऐं, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य विश्व मोहन कुलश्रेष्ठ, चाइल्ड लाइन के डा.जफर आलम, सहित सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि व सम्बन्धित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहें।