फिरोजाबाद। जनपद में आशा संगिनी का तीन दिवसीय क्षमतावर्धन प्रशिक्षण संपन्न हुआ। इसमें उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न मुद्दों पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण संपन्न होने के बाद आशा संगिनी को प्रमाण-पत्र भी दिया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी ने बताया कि आशा कार्यकर्ता को स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण ईकाई माना जाता है। विभाग के आंख और कान का काम करने वाली इस कडी में उनकी संगिनी महत्वपूर्ण भूमिका में होती है। इसलिए उनका जागरुक रहना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल से उबरते हुए अब सीएचसी पर संस्थागत प्रसव बढाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संगिनियों और आशाओं के उपर है। इस कर्तव्यनिष्ठा से निभाएं। आशा संगिनियों को प्रशिक्षण के दौरान उच्च जोखिमों वाली गर्भवतियों की पहचान करने और 2.5 किलो से कम वजन के बच्चे (लो बर्थ वेट) की ट्रैकिंग करके उनका चिन्हांकन करने के बाद शीघ्र पंजीकरण करने के बारे में प्रशिक्षित किया। आशा क्लस्टर के बारे में प्रशिक्षित किया।
आशा संगिनी को क्लस्टर बैठक में आशा का क्षमतावर्धन कैसे करना है और क्यों करना है, फैसिलिटर को किन बातों का ध्यान रखना है इसके लिए कितनी प्रोत्साहन राशि मिलेगी, गर्भवती महिलाओं का चिन्हीकरण कैसे करना है गर्भ का पता चलते ही उनका पंजीकरण करना क्यों जरूरी है आदि के बारे में बताया। प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर के रूप में यूपीटीएसयू की डिस्ट्रिक्ट स्पेशलिस्ट आउटरीज कोऑर्डिनेटर अर्चना, लखनऊ से आईं दीप शिखा, डीपीएम मो. आलम, डीसीपीएम रवि कुमार आदि मौजूद रहे।