कानपुर: उत्तर प्रदेश में जहां एक ओर 2022 विधानसभा चुनाव के सातवें चरण के प्रचार का शोर थम गया है और चुनाव आयोग, प्रशासन शांतिपूर्ण तरीके से प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने की बात कर रहा है तो वहीं कानपुर देहात के बीजेपी नेता की जमीनी विवाद के चलते निर्मम हत्या कर दी गई। कानपुर देहात में भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के पूर्व उपाध्यक्ष अमरेश त्रिपाठी की ट्रस्ट की जमीन पर हुए कब्जे के विवाद को लेकर बर्बरता के साथ हत्या कर दी गई है।
बीजेपी युवा मोर्चा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष अमरेश त्रिपाठी का कानपुर देहात के भोगनीपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत पुखरायां कस्बे में एक ट्रस्ट की जमीन पर पाल समाज के कुछ लोगों से पुराना विवाद चल रहा था। इसे लेकर देर रात विवाद इतना बढ़ गया की बातों से शुरू हुआ विवाद हत्या में बदल गया। मामूली कहासुनी में एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के बीजेपी नेता की पीट-पीटकर हत्या कर दी।इसके बाद पूरे कस्बे में तनाव का माहौल पैदा हो गया।
हत्या की सूचना पाकर हजारों की तादात में घटनास्थल पर बीजेपी कार्यकर्ता और नेता मौके पर पहुंच गए। तनाव इस कदर बढ़ा की हत्या की सूचना पर पहुंची भोगनीपुर थाने की पुलिस के हाथ पांव फूल गए। कई थानों के पुलिस बल को मौके पर भेजकर स्थिति को नियंत्रण में करने के तमाम प्रयास किए गए।35 साल के युवा बीजेपी नेता की हत्या से जनपद के बीजेपी कार्यकर्ताओं में इसे लेकर जमकर आक्रोश नजर आया। अमरेश त्रिपाठी का पारिवारिक बैकग्राउंड भी राजनीतिक रहा है। अमरेश के पिता राजेश तिवारी भी भारतीय जनता पार्टी में पूर्व जिला अध्यक्ष के पद पर रह चुके हैं।
हत्या की सूचना पर बढ़ रहे तनाव को देखकर पुलिस और प्रशासन ने मृतक अमरेश का पोस्टमार्टम देर रात ही कराने का फैसला कर लिया और आनन-फानन में स्थिति को कंट्रोल में करने के लिए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के परिवार के लोगों का साफ तौर से कहना है कि उनकी एक जमीन पर घनश्याम पाल नाम का एक शख्स कुछ लोगों के साथ मिलकर कब्जा करने का प्रयास कर रहा था। इसका विरोध बीजेपी नेता अमरेश ने मौके पर पहुंचकर किया और बात इतनी बढ़ गई कि उन लोगों ने अमरेश पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया है। उसे अस्पताल पहुंचाया गया तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।