फिरोजाबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सामाजिक समरसता चंद्र नगर महानगर के द्वारा महाकवि संत रविदास की जन्म जयंती के अवसर पर संघ कार्यालय चंद्र भवन जलेसर रोड पर हवन-पूजन किया गया। महानगर प्रचारक धर्मेंद्र जी के मार्गदर्शन में भव्यता पूर्वक हवन मंच उच्चारण उपेंद्र दीक्षित महंत सिद्धेश्वर मंदिर के द्वारा किया।
सामाजिक समरसता के विभाग संयोजक अंबेश शर्मा ने कहा किस संत शिरोमणि कवि रविदास का जन्म माघ पूर्णिमा को सन 1970 ईस्वी को उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के गोवर्धनपुर गांव में हुआ। उनकी माता का नाम कर्मा देवी कलसा तथा पिता का नाम संतोष दास रघु था। उनकी पत्नी का नाम लो लाल और पुत्र का नाम विजय दास था। गुजरात और महाराष्ट्र के लोग उन्हें रोहिदास और बंगाल के लोग उन्हें रुईदास कहते हैं। कई पुरानी पांडुलिपियों में उन्हें रायादास, रेदास, रेमदास और रौदास के नाम से भी जाना गया है। वह बहुत ही दयालु और दानवीर थे। उन्होंने अपने दोहे व पदों के माध्यम से समाज में जातिवाद, भेदभाव को भूलकर सामाजिक एकता का बल दिया और मानवतावादी मूल्यों की नींव रखी।
महानगर प्रचारक धर्मेंद्र जी ने कहा कि कबीर दास ने रविदास को संतन में रविदास कहकर उन्हें मान्यता दी है। वाराणसी में संत रविदास का भव्य मंदिर और मठ है जहां सभी जाति के लोग दर्शन करने आते है। महानगर कार्यवाह गौरव ने कहा कि रविदास ने अपने एक दोहे के माध्यम से कहा है कि कोई भी व्यक्ति सिर्फ कर्म से नीचे होता है जो व्यक्ति गलत काम करता है वह नहीं चाहता है कोई भी व्यक्ति जन्म के हिसाब से कभी नीचा नहीं होता। संतो में संत रविदास को ईश्वर का अनुयाई माना जाता है। कार्यक्रम में अभिषेक महानगर सह कार्यवाह, रमाकांत महानगर समरसता प्रमुख, अतुल, जितेंद्र, मनमोहन, सुनील, अभय, आर्यन, पवन, गोपाल, मुकेश शर्मा, धीरज वर्मा, राहुल अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

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