फिरोजाबाद/09 फरवरी/
प्रेक्षक व जिलाधिकारी की उपस्थिति में जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेटस की ट्रेनिंग हुई सम्पन्न।
स्वतंत्र, निष्पक्ष, शंातिपूर्ण व पारदर्शिता के साथ चुनाव सम्पन्न कराना मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी है -डीएम
जिलाधिकारी व जिला निर्वाचन अधिकारी सूर्य पाल गंगवार एवं अपर जिलाधिकारी व उप जिला निर्वाचन अधिकारी अभिषेक कुमार सिंह, प्रेक्षक व मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड द्वारा जिले के सभी जोनल मजिस्ट्रेट व सेक्टर मजिस्ट्रेट की ट्रेनिंग बुधवार को एस.एन. रोड स्थित महात्मा गांधी विद्यालय में सम्पन्न हुई। उन्होने बताया कि जनपद की पांचों विधानसभाओं में 20 फरवरी को मतदान होना है, जिसके लिए जिला प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। उन्होने बताया कि सभी कार्मिकों को उनकी चुनाव सम्बन्धित जिम्मेदारियां समझा दी हैं। उन्होने ट्रेनिंग लेने पहुॅंचे मजिस्ट्रेटों से चुनाव सम्बन्धित जानकारी प्राप्त की।
ट्रेनिंग के दौरान जिलाधिकारी ने ट्रेनिंग लेने आये मजिस्ट्रेटों को बताया कि अगर प्रातः 7 बजे पहले मॉकपोल के दौरान अगर आपकी मशीन खराब होती है तो जरूरी नहीं कि वह पूरी मशीन ही खराब हो, 90 प्रतिशत मशीनों में बेसिक चीजों की कमी होती है, जिसे आपको अपनी सूझ-बूझ से सही करनी होगी। अगर इसके बाद भी मशीन ठीक न हो तो उसका बी.यू. चेक करें, वह भी ठीक है तो सी.यू. चेक करें, इसके बाद भी मशीन ठीक न हो तो वी.वी. पैट चेक करें और 7 बजे से पहले बदली गई मशीन को अपने पास ही रखें। उन्होने बताया कि अब समय आता है चुनाव का। जो कि 7 बजे के बाद प्रारम्भ होता है। अगर वोट डालते समय मशीन खराब होती है तो बी.यू. खराब हो तो बी.यू. बदलें, सी.यू. खराब हो तो सी.यू. बदलें और अगर वी.वी. पैट खराब हो तो पूरी मशीन बदलें, और 7 बजे के बाद बदली गई मशीन को अपने उच्च अधिकारी को सौंप दें।
उन्होने बताया कि शाम 6 बजे के बाद जब बूथ को बन्द करने का समय होता है अगर आप के बूथ पर लम्बी लाइन लगी है तो वीडियो बनाते हुए आप लाइन में लगे अंतिम व्यक्ति को पहला टोकन दे दें। जब आप के बूथ पर कोई वोटर नहीं हैं और आप अपना बूथ बन्द कर रहे हैं तो मशीन में लगे क्लोज़ बटन को जरूर दबाएं। उन्होने बताया कि अगर ऐसा आप ने नहीं किया तो काउंसिलिंग वाले दिन मशीन इनवेलिड दिखाएगी। सेक्टर मजिस्ट्रेटों की गाड़ी में जीपीएस लगा होगा, बिना जीपीएस वाली गाड़ी में न ही आप सवार होंगे और न ही मशीनों को उसमें ले जायेंगे। किसी भी सूरत में बीच रास्ते में मशीनों को किसी के हाथ में नहीं देना है, सिर्फ पोलिंग बूथ पर ही मशीनें आयेंगी। अगर कहीं हालत बिगड़ते दिखाई देते हैं तो आपको सर्वप्रथम ईवीएम मशीनों को सुरक्षित तय किये गये स्थान पर जिम्मेदारी के साथ पहुॅचाना है।
ट्रेनिंग के दौरान अपर जिलाधिकारी अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि सेक्टर मजिस्ट्रेटों की अहम जिम्मेदारी यह होती है कि वह यह देखें की किस बूथ पर लम्बे समय से लाइन लगी हुई है, अगर किसी बूथ पर लम्बे समय से लाइन लगी है तो, हो सकता है वहां मौजूद कार्मिक द्वारा ठीक से कार्य करा न हो, इसकी सूचना आपको जोनल अधिकारी को देनी होगी, 100 मतदाताओं को वोट डालने में 60 मिनट का समय लगता है। इससे अधिक लग रहा है तो अपनी सूझ-बूझ दिखाते हुए वहां मौजूद कार्मिक को सक्रिय करना है, क्योंकि मतदाता अधिक समय तक लाइन में लगा रहेगा तो उस बूथ पर हालात बिगड़ सकते हैं। अगर आपको किसी बूथ पर चुनाव बहिष्कार का कोई अंदेशा लगता है तो तुरन्त उस क्षेत्र के एसडीएम को तुरन्त सूचित करें। उन्होने बताया कि आपको अपने बूथ क्षेत्रो के राशन डीलरों के फोन नम्बर अपने पास रखने हैं और मतदान वाले दिन उस राशन डीलर को फोन कर वोट डालने के लिए अपील करनी है। वहीं आपको जो रूट चार्ट दिया जायेगा, उस रूट का आपको मतदान से पहले दो बार दौरा करना होगा, और यह देखना होगा कि तय किये गये रूट से सभी पोलिंग पार्टियों की गाड़ियां निकल पाएंगी की नहीं। अन्यथा की स्थिति में अपने उच्च अधिकारियों को सूचित करना होगा।