फिरोजाबाद। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओ द्वारा स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष्य में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। साथ ही उनके जीवन पर प्रकाश डाला।
एबीबीपी के प्रांत संगठन मंत्री जयकरन ने कहा कि 25 वर्ष की अवस्था में ही नरेंद्र दत्त ने गेरुआ वस्त्र पहन लिए। तत्पश्चात उन्होंने पैदल ही पूरे भारतवर्ष की यात्रा की। सन 1893 में शिकागो (अमेरिका) में विश्व धर्म परिषद् हो रही थी। स्वामी विवेकानंद जी उसमें भारत के प्रतिनिधि के रूप से पहुंचे। योरप-अमेरिका के लोग उस समय पराधीन भारतवासियों को बहुत हीन दृष्टि से देखते थे। वहां लोगों ने बहुत प्रयत्न किया कि स्वामी विवेकानंद को सर्वधर्म परिषद् में बोलने का समय ही न मिले। एक अमेरिकन प्रोफेसर के प्रयास से उन्हें थोड़ा समय मिला। किंतु उनके विचार सुनकर सभी विद्वान चंकित हो गए। इस मौके पर विभाग संगठन मंत्री दिव्य भारद्वाज, विभाग संयोजक रजत जैन, अनिल सागर, विख्यात शर्मा, राज पलिया, कुशाग्र अग्रवाल, काजल, प्रिया, हर्ष, सुजल आदि मौजूद रहे।

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