मेरठ: तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए चॉपर क्रैश हादसे में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 13 लोगों का निधन हो गया था। जनरल बिपिन रावत प्रतिभा के धनी थे। 2011 में बिपिन रावत ने मेरठ कॉलेज से पीएचडी की थी। उनके गुरु प्रोफेसर हरबीर शर्मा से News1 India ने Exclusive बातचीत की। जनरल बिपिन रावत के गुरु प्रोफेसर हरबीर शर्मा ने बताया कि जनरल रावत ने रोल ऑफ मीडिया इन आर्म्ड फोर्सेस विषय में पीएचडी की थी।

जनरल बिपिन रावत के गाइड रहे प्रो. हरवीर शर्मा इस घटना की सूचना सुनकर बेहद दुखी हैं। वह भगवान से प्रार्थना कर रहे थे कि प्यारे स्टूडेंट बिपिन ठीक हों। मगर इस हादसे में बिपिन रावत शहीद हो गए। मेरठ के सिविल लाइन के मानसरोवर निवासी 81 साल के प्रो. हरवीर शर्मा बताते हैं कि सीडीएस बिपिन रावत ने मेरठ कॉलेज के रक्षा अध्ययन विभाग से 2011 में पीएचडी की। प्रो. हरवीर शर्मा उनके गाइड रहे। उस समय सीडीएस रावत मेजर जनरल थे। पीएचडी पूरी होने पर सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने अपना मेडल गुरु हरवीर शर्मा को समर्पित किया था।

प्रो. हरवीर शर्मा बताते हैं कि जब वे सीडीएस बने तो उन्होंने पत्र लिखकर भेजा कि वो बहुत भाग्यशाली हैं कि आपके जैसे गुरु के स्टूडेंट रहे। प्रो. हरवीर शर्मा ने बताया कि 370 हट जाने के बाद सीडीएस बिपिन रावत ने उनसे इस विषय पर चर्चा भी की थी। तब जनरल बिपिन रावत ने अपने गुरु से कहा था कि वह जम्मू कश्मीर और लद्दाख में अपनी सेना को बढ़ाएंगे और सुरक्षा को मजबूत करेंगे। आज जब सीडीएस जनरल बिपिन रावत नहीं रहे तब उन्हें याद कर उनके प्रो. हरवीर शर्मा काफी दुख महसूस करते है और कहते है कि देश ने एक ऐसा हीरा खो दिया जिसके डर से भारत के दुश्मन कांपते थे।

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