उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे राजनीतिक पार्टियां जनता को लुभाने की तैयारियां कर रही हैं. इसी कड़ी में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर जमकर बरसे.

गाजियाबाद: ‘हम आज भी समाजवादी हैं’ ये कहना है शिवपाल सिंह यादव का. सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर गाजियाबाद में शिवपाल यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सत्तारूढ़ पार्टी पर महंगाई और अन्य मुद्दों पर जमकर निशाना साधा. शिवपाल ने कहा कि जो सरकार किसानों पर गोली चलवा दें, उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. किसानों के मुद्दे पर आगे उन्होंने कहा कि गन्ना किसान रेट नहीं बढ़ने की वजह से परेशान हो गये हैं. किसान लगातार मर रहा है और सरकार अनदेखी कर रही है.

दरअसल, शिवपाल सिंह यादव ने ‘सामाजिक परिवर्तन रथ’ चला रहे हैं. इस परिवर्तन रथ के तहत शिवपाल पूरे प्रदेश में दौरा कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी सत्ता परिवर्तन करेगी और सत्ता में आएगी. शिवपाल ने लखीमपुर खीरी की घटना पर सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को पहले दिन ही बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए था.

वहीं शिवपाल यादव से जब गठबंधन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि समान विचारधारा वाली पार्टियों से गठबंधन की बात कही. साथ ही ये भी कहा कि हम एक बड़ी राष्ट्रीय पार्टी से जरूर गठबंधन करेंगे और छोटी पार्टियों से भी गठबंधन करेंगे. वहीं अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि वो बड़े आदमी हैं. मैंने नेताजी के साथ 45 साल समाजवादी पार्टी में काम किया है. हमने उसे बुलंदियों तक पहुंचाया है.

वहीं शिवपाल यादव ने कहा कि बढ़ती महंगाई से लोग काफी परेशान हैं. उत्तर प्रदेश में महंगाई के चलते आम आदमी अपना इलाज तक नहीं करवा पा रहा है. कारोबार बंद हो गया है. लोग भुखमरी की कगार पर हैं. उन्होंने कहा एक तरफ भुखमरी बढ़ी है, तो दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में क्राइम कंट्रोल नहीं हो पा रहा है. वहीं सरकार सभी संस्थाओं को बेच रही है.

शिवपाल यादव ने कहा कि बिजली का दाम लगातार बढ़ रहा है और 11 महीने से किसान दिल्ली की सड़कों पर धरने पर बैठा हुआ है. लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है. इससे किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. फायदा सिर्फ पूंजीपतियों को पहुंचाया जा रहा है. तीनों नए कृषि कानून से किसानों का नुकसान हुआ है.

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